- प्रकृति सबके साथ समान व्यवहार करती है

- अच्छी चीज को ग्रहण नहीं करते हम लोग

Meerut : हमारे देश के लोग दुनिया का नकल करने में माहिर हैं। हम धीरे-धीरे खाने में पहनने में और रहने में पश्चिमी सभ्यता को अपना रहे हैं, लेकिन उनकी अच्छी बातों को हम ग्रहण नहीं कर रहे। यह बात पर्यावरणविद डॉ। अनिल जोशी ने आईआईएमटी गंगानगर में आयोजित जागरण संवाद के दौरान कही।

अपने पर नहीं दूसरे पर विश्वास

डॉ। अनिल जोशी ने कहा हम अपने सभ्यता व संस्कारों पर विश्वास नहीं करते। पश्चिमी सभ्यता और संस्कारों पर हम विश्वास करने लगे हैं।

नदियां खत्म कर दी हमने

हम लोगों ने धीरे-धीरे पानी की स्रोत खत्म कर दिए। देश की 253 नदियां विलुप्त हो गई, और जितनी नदी मौजूद हैं उनका पानी पीने लायक नहीं है। गांवों से तालाब खत्म हो गए। विदेशों से हमने यह नहीं सीखा कि उनकी नदियां कितनी साफ हैं।

पानी बोतलों में बिक रहा है

हमने कभी नहीं सोचा था कि पानी बोतलों में बिकेगा। पहले हम कहीं भी किसी भी नल से पानी पी लिया करते थे, लेकिन अब माता पिता बिना आरओ के पानी को पीने ही नहीं देते। यदि हम जल्द ही नहीं जागे तो बहुत ही गंभीर परिणाम भोगने पड़ेंगे।