मेरठ (ब्यूरो) । नगर निगम पेयजल सप्लाई की व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए कितना गंभीर है इसका नजारा आए दिन शहर के विभिन्न वार्डों में टूटी पाइपलाइन से बहते पानी के रूप में दिखता रहता है। इतना ही नहीं, जब तक पाइपलाइन सही नहीं होती, तब तक गंदा पानी मिक्स होकर घरों में सप्लाई होता रहता है। शहर के कई वार्डों में गंदा पानी पेयजल लाइनों के माध्यम से सप्लाई हो रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने अभियान के तहत पेयजल में गंदगी के इस प्रमुख कारण को दिखाने का प्रयास किया है।

गंदे पानी की समस्या
गौरतलब है कि शहर में पेयजल सप्लाई की पाइपलाइन लीकेज की समस्या इतनी आम है कि शहर में रोजाना कहीं ना कहीं पाइपलाइन टूटी रहती है। इससे हजारों लीटर पेयजल बर्बाद तो होता ही है साथ ही आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई भी बाधित हो जाती है। जहां डैमेज ज्यादा होता है उसको जल्द सही कर दिया जाता है। लेकिन पुराने शहर में पेयजल सप्लाई के लिए बिछी लाइनें ऐसी हैं, जो पुरानी होने के कारण जगह-जगह से लीक हो गई हैं। इनसे पानी लगातार बहता रहता है और इस कारण से पुराने शहर में लो प्रेशर की समस्या बनी रहती है। वहीं जिस जगह यह पाइपलाइन टूटी होती है, वहां से आसपास की गंदगी भी इस पाइपलाइन में मिक्स हो जाती है। जिससे लोगों के घरों में गंदा पानी पीने को लोग मजबूर हो जाते हैं।

पाइपलाइन अधिक पुुरानी होना
जल संरक्षण की दिशा में लगातार काम कर रही शहर की प्रमुख एनजीओ बंूद फाउंडेशन के अनुसार शहर में पेयजल सप्लाई की लाइन टूटने का प्रमुख कारण लाइनें अधिक पुुरानी होना और जो नई लाइनें डाली जा रही है उनकी क्वालिटी बेकार होना शामिल है। अंडरग्राउंड लाइनें इतनी कमजोर होती हैं कि ऊपर वाहनों का दवाब पडऩे से अंदर ही अंदर चटक जाती हैं। इससे जमीन के अंदर की गंदगी, मिट्टी पाइपलाइन के पानी में मिक्स हो जाती है और आसपास के घरों में गंदा पानी सप्लाई होता रहता है।

200 से अधिक शिकायतें
बूंूद फांउडेशन के अध्यक्ष रवि कुमार के अनुसार उनकी संस्था लगातार पानी की लीकेज पर काम रही है। सालभर में एवरेज 200 से अधिक पेयजल लाइन लीकेज की शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। कुछ बड़ी लीकेज का काम खुद जल निगम के स्तर पर कराया जाता है। इसके लिए हम जल निगम को सूचित कर जल्द से जल्द लीकेज बंद कराने का प्रयास करते हैं।

हाल में हुई पाइल लाइन डैमेज की घटनाएं
13 अप्रैल- साकेत एलआईसी चौराहे पर अंडर ग्राउंड पाइपलाइन डैमेज होने से 24 घंटे तक चौराहे पर बहा पानी।
19 अप्रैल- घंटाघर अप्सरा सिनेमा के पास पाइपलाइन टूटने से कई दिनों तक आसपास के क्षेत्र में पानी भरता रहा।
19 फरवरी- माधवपुरम सेक्टर 2 में पानी की पाइपलाइन टूटने से गंगाजल में सीवर का पानी मिक्स हो गया।
1 फरवरी- जागृति विहार सेक्टर चार, सात और नौ में पाइपलाइन फटने से जलापूर्ति प्रभावित हो गई थी। जलकल अधिकारियों ने कहा कि काफी पुरानी पाइपलाइन थी, जिस कारण से जोड़ वाले हिस्से में लीकेज की समस्या हो गई थी।
फरवरी माह में ही शास्त्रीनगर एच और के ब्लॉक में जलापूर्ति देने वाली पाइपलाइन लीकेज हो गई।
जनवरी माह में पांडवनगर में पानी की टंकी की लाइन फट गई।
जनवरी माह में ही विकासपुरी क्षेत्र में पाइपलाइन टूट गई। इस कारण से देर रात तक क्षेत्र की जनता पानी के लिए परेशान रही थी।
जनवरी माह में ही सोफीपुर में पाइपलाइन लीकेज के कारण लोग पेयजल के लिए परेशान रहे थे।
नवंबर माह में टाउन हाल परिसर से रेलवे रोड को जाने वाली पानी की वितरण लाइन में जोड़ के पास लीकेज हो गई थी। इससे डीएन कालेज के सामने लीकेज से पानी बहने लगा था।
नवंबर माह में ही गंगानगर के पाकेट में पानी की वितरण लाइन में लाइन लीकेज हुई थी।
अक्टूबर माह में सर्किट हाउस के बाहर पाइपलाइन टूटने से कई दिन तक पेयजल की बर्बादी होती रही थी।

हमारे क्षेत्र में पिछले तीन माह में दो बार पाइपलाइन लीक हो चुकी है। जलकल को सूचना देने के घंटों बाद तक भी लाइन सही नहीं कराई गई।
रिषभ

पाइपलाइन लीकेज के कारण वार्ड में लो प्रेशर की समस्या रहती है। लाइनें कई जगह से अंडरग्राउंड लीक हंै। कभी-कभी नल से भी गंदा पानी आता है।
तरुण

विकास पुरी, शादी महल, पिलोखड़ी क्षेत्र में गंदे पानी और लो प्रेशर की समस्या आम है। लेकिन शिकायत के बाद भी इसको दूर नहीं किया जा रहा है।
आमीर

सर्किट हाउस पर गत वर्ष लाइन लीक हो गई थी, जिसको कई दिन के प्रयास के बाद सही कराया गया। ऐसे में हजारों लीटर पेयजल बर्बाद होता है।
सुमित