मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, खबर ये है कि शहर में करीब हजारों की संख्या में छोटी-बड़ी इंडस्ट्रीज समेत होटल, रेस्टोरेंट्स, हॉस्पिटल्स, कोचिंग संस्थान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और शॉपिंग मॉल है। मगर फायर विभाग की ओर से केवल 38 संस्थानों को फायर एनओसी जारी की गई है। इतना ही नहीं, विभाग बीते छह सालों में उन संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं कर सका है, जिनके पास फायर एनओसी नहीं है। यह विभाग की बड़ी लापरवाही है और इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है।

किसी पर कोई कार्रवाई नहीं
आरटीआई में खुद विभाग ने माना है कि 2017 से मई 2022 यानी पिछले छह साल में रिकार्ड में आग की मात्र 100 घटनाओं को ही दर्ज किया गया है। मगर एक भी घटना में कोई कार्रवाई विभाग की ओर से नहीं की गई है। अग्निशमन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन घटनाओं में मरने वालों की संख्या भी मात्र दो है। शायद इसलिए विभाग हजारों की संख्या में मौजूद संस्थानों को न तो फायर एनओसी देने में रूचि दिखा रहा है और न ही एनओसी न लेने वालों पर कोई कार्रवाई करने का विभाग का मूड है।

बचाव के संसाधन ही नहीं
गौरतलब है कि शहर का एक भी रेस्टोरेंट, होटल, बैंक्वेट हॉल, शॉपिंग मॉल और रिसोर्ट ऐसा नहीं है, जिसके पास अग्निशमन का अनापत्ति प्रमाण-पत्र यानि एनओसी हो। यह खुलासा खुद अग्निशमन विभाग ने समाज सेवी मनोज चौधरी की आरटीआई के जवाब में किया है। मनोज चौधरी ने एनओसी के संबंध में विभाग से कुछ सवाल पूछे थे, जिनके जवाब में विभाग ने बताया कि केवल दो कोचिंग संस्थान, दो मॉल और 34 इंडस्ट्रीज समेत 38 के पास फायर एनओसी है। जबकि हॉस्पिटल्स, इंडस्ट्रीज, कोचिंग संस्थान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल और रेस्टोरेंट्स में रोजाना लाखों लोग आते-जाते हैैं। इसका सीधा मतलब है कि अगर इनमें से कहीं भी आग लग जाए तो बचाव के संसाधन तक मौजूद नहीं हैं।

छह साल में मात्र 2 मौत
गौरतलब है कि शहर में अप्रैल 2006 में विक्टोरियां पार्क जैसा भीषण अग्निकांड हो चुका है। जिसमें 65 लोगों की मौत हो गई थी। 81 लोग गभीर रूप से, जबकि 85 लोग सामान्य रूप से झुलसे थे। इसके बाद भले ही शहर में कोई बड़ा हादसा आग के कारण नहीं हुआ लेकिन हर साल आग की घटनाओं का सिलसिला जारी रहा है। इसके बाद भी विभाग के आंकडों में पिछले 6 साल में मात्र दो लोगों ने आग से हादसे में अपनी जान गंवाई है। विभाग के अनुसार 2017 से मई 2022 तक परतापुर क्षेत्र में 74 और घंटाघर क्षेत्र में 26 आग की घटनाएं हुई हैं। दरअसल, मोहल्लों में चलने वाली सैैंकड़ों घरेलू फैक्ट्री और गली-गली खुले कोचिंग संस्थान तो विभाग की गिनती में आते ही नहीं हैैं।

साल आग की घटनाएं
2017 16
2018 24
2019 21
2020 16
2021 18
2022 5

एक नजर में

300 करीब कोचिंग संस्थान
सात मॉल
2500 से ज्यादा इंडस्ट्रीज
80 से ज्यादा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
1100 करीब हॉस्पिटल्स
125 करीब होटल एंड रेस्टोरेंट्स
175 करीब बैंक्वेट हॉल