मेरठ (ब्यूरो)। दीपावली के मद्देनजर बाजारों में कपड़ों से लेकर पूजा की थाली, सजावट के सामान से लेकर बर्तनों समेत इलेक्टिक व इलेक्ट्रिॉनिक्स की खरीदारी, ऑटोमोबाइल से लेकर ज्वैलरी बाजार तक की तैयारी देखने को मिल रही है। मगर जब सवाल मिठाई की आती है तो दिमाग में सवाल उठने लगता है कि क्या ये मिठाई सेहत को नुकसान तो नहीं देगीऔर ये सवाल उठे भी क्यों न, क्योंकि पिछले एक साल में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए करीब 44 प्रतिशत खाद्य पदार्थों के नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे हैैं। विभाग ने इस बाबत मिलावटखोरों पर करीब 3.30 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। इतना ही नहीं, एक जागरूक नागरिक ने ट्विटर पर मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ को को टैग करते हुए मिलावट का कारोबार करने वालों के खिलाफ गंभीर एक्शन लेने की मांग भी की है।

392 सैंपल हुए फेल
त्योहारी सीजन में मिलावट पर लगाम कसने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर से लेकर देहात तक लगातार अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत गत दिनों करोड़ों का नकली मावा नष्ट कराया गया था। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो विभाग ने एक साल में विभिन्न खाद्य वस्तुओं के 719 सैंपल लिए थे। इन सैंपल की जांच में करीब 44 प्रतिशत यानि 392 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। वहीं पिछले छह माह में 312 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 302 नमूने फेल साबित हुए।

छह माह में आती है रिपोर्ट
खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच रिपोर्ट आने में पांच से छह माह का समय लग जाता है। दरअसल, खाद्य पदार्थों के अधिकतर सैंपल जांच के लिए लखनऊ और आगरा की लैब में भेजे जाते हैं। जहां से रिपोर्ट आने में छह माह तक का समय लग जाता है। रिपोर्ट आने पर ही मिलावटखोरों पर कार्रवाई हो पाती है, मगर तब तक तब तक लोग मिलावट का शिकार हो चुके होते हैैं।

इनमें हो रही मिलावट
दूध
मावा
पनीर
घी
मिर्च-मसाला
सरसो तेल
रिफाइंड
बेसन

फैक्ट्स एक नजर में
एक साल में
719 सैंपल पिछले एक साल में खाद्य सुरक्षा विभाग ने लिए
392 करीब सैंपल एक साल में हुए फेल
98 सैैंपल असुरक्षित मिले
201 सैैंपल सब स्टेंडर्ड मिले
77 सैैंपल मिस ब्रांडेड मिले
सबसे अधिक सैंपल दूध और खोए के हुए फेल
144 दूध के सैैंपल फेल मिले
76 सैंपल खोए के फेल मिले

पिछले छह माह में
2,365 जगह पर पिछले छह माह में खाद्य सुरक्षा विभाग ने की जांच
312 सैंपल भरे गए
302 सैैंपल फेल मिले
247 पर मुकदमें दर्ज कराए गए
3,30,75,000 का लगा जुर्माना

नकली मावा हर साल पकड़ा जाता है और विभाग जुर्माने की कार्रवाई भी कर देता है। उसके बाद भी शहर से लेकर देहात तक मिलावट का बाजार कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है।
अंकित अधाना

त्योहारों का सीजन शुरू होते ही हर साल मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं। पुलिस-प्रशासन को पता भी होता है कि किन जगहों पर नकली मावा बनता है। इसके बाद भी इन मिलावटखोरों पर शिकंजा नहीं कसा जाता।
रजत ठाकुर

दूध, पनीर, मावे समेत अन्य खाद्य पदार्थों में त्योहारी सीजन में मिलावट तेज हो जाती है। मुनाफा कमाने के लिए कुछ लोग आमजन की जिंदगी से खेलते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आशीष

मिलावट के सैैंपल्स की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द आनी चाहिए। केवल जुर्माना नहीं बल्कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए।
सौरभ राजपूत

मिलावट रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं छापेमार कर कई जगह मिलावट मिठाई नष्ट कराई जा चुकी है। इतना ही नहीं, भारी मद में जुर्माना भी वसूला गया है। लेकिन ग्राहकों का जागरूक होना बेहद जरूरी है।
दीपक सिंंह, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग