वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी लोकसभा सीट का इतिहास बड़ा रोचक है। 2009 में ही यह सीट वीवीआईपी में शुमार हो गई थी। 17 बार लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन 2009 में ही इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिला थालड़ाई भी एम बनाम एम थीयानी भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी और जरायम की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले मुख्तार अंसारी के बीच चुनावी जंग हुई थीआगरा जेल में बंद होने के बावजूद मुख्तार अंसारी ने लड़ाई को रोचक बना दिया थामुख्तार अंसारी यह चुनाव जीतते-जीतते रह गया थाहालांकि जब नतीजे आए तो करीबी मुकाबले और काफी उतार-चढ़ाव के बीच भाजपा के मुरली मनोहर जोशी ने जीत दर्ज की थीजीत-हार में मात्र 17,211 वोटों का अंतर थाऐसा मुकाबला 2009 के पहले और बाद में कभी नहीं देखने को मिलाइसके इतर 2019 में वाराणसी सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सपा की शालिनी यादव को रिकार्ड 4,79,505 मतों के बड़े अंतर से हराया, जो अब तक की सबसे बड़ी जीत है। 1957 के लोकसभा चुनाव से अस्तित्व में आई वाराणसी लोकसभा सीट अब तक जीत-हार में कितने वोट का अंतर रहा है, आप भी जानिए

1957 : कांग्रेस के रघुनाथ सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार शिवमंगल राम को 71,926 वोट से शिकस्त दी थी

1962 : कांग्रेस के रघुनाथ सिंह फिर से जीतने में सफल रहेजनसंघ उम्मीदवार रघुवीर को 45,907 वोटों से हराया

1967 : वाराणसी सीट पर गैर कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिलीउस चुनाव में यहां से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज कीभाकपा उम्मीदवार एसएन सिंह ने कांग्रेस के रघुनाथ सिंह को 18,167 मतों से हरा दिया

1971 : एक बार फिर कांग्रेस ने वापसी कीकांग्रेस के राजा राम शास्त्री ने भारतीय जनसंघ के कमला प्रसाद सिंह को 52,941 वोट से हराया

1977 : आपातकाल के बाद कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ीभारतीय लोक दल के चंद्रशेखर सिंह ने कांग्रेस के राजा राम को 1,71,854 वोट से हराया.

1980 : यूपी के पूर्व सीएम पंडित कमलापति त्रिपाठी ने जनता पार्टी (सेक्युलर) के प्रत्याशी राज नारायण को 24,735 वोटों से हराया

1984 : कांग्रेस इस सीट को बरकरार रखने में कामयाब रहीइस चुनाव में पार्टी के श्याम लाल यादव ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी ऊदल को 94,430 वोटों से हराया

1989 : जनता दल के अनिल शास्त्री ने कांग्रेस उम्मीदवार श्याम लाल यादव को 1,71,603 वोटों से हरा दिया

1991 : पहली बार वाराणसी सीट पर भाजपा को जीत मिलीभाजपा के श्रीचंद्र दीक्षित ने माकपा के राजकिशोर को 40,439 मतों से शिकस्त दी

1996 : भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल ने माकपा के राजकिशोर को 1,00,692 वोटों से हराया.

1998 : लोकसभा चुनाव में भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कीउन्होंने माकपा के दीनानाथ सिंह यादव को 1,51,946 वोटों से बड़ी पटखनी दी

1999 : भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल ने जीत की हैट्रिक लगाईउन्होंने कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा को 52,859 मतों से हराया

2004 : 15 साल बाद कांग्रेस ने वापसी कीकांग्रेस के टिकट पर दोबारा चुनाव लडऩे वाले राजेश कुमार मिश्रा ने भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल को 57,440 मतों से हराया.

2009 : वाराणसी वीवीआईपी सीटों में शामिल हो गईउस चुनाव में इलाहाबाद से आकर भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉमुरली मनोहर जोशी ने दावेदारी ठोकी थीइधर बसपा ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को उतार दिया थाजब नतीजे आए तो करीबी मुकाबले में जोशी जीत दर्ज करने में सफल रहेभाजपा इस चुनाव में 17,211 वोटों से जीत गई

2014 : गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया और वडोदरा के साथ-साथ वाराणसी सीट से भी नामांकन कियाउधर मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल तो कांग्रेस से अजय राय मैदान में थेउस चुनाव में वाराणसी देश की सबसे चर्चित सीट बन गईइस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर नरेंद्र मोदी को 5,81,022 वोट मिलेवहीं दूसरे स्थान पर रहे केजरीवाल के पक्ष में 2,09,238 लोगों ने वोट कियाइस तरह से नरेंद्र मोदी 3,71,784 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहेपीएम मोदी को वडोदरा सीट पर भी जीत मिली, लेकिन उन्होंने प्रतिनिधित्व के लिए वाराणसी को चुना

2019 : भाजपा ने फिर पीएम नरेंद्र मोदी उताराउनके सामने कांग्रेस ने अजय राय और सपा ने शालिनी यादव को उतारानतीजे एक बार फिर भाजपा के पक्ष में रहे और यहां पीएम ने सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से बड़े अंतर से शिकस्त दीइस चुनाव में नरेंद्र मोदी को 6,74,664 वोट, सपा उम्मीदवार शालिनी को 1,95,159 और कांग्रेस के अजय राय को 1,52,548 वोट मिले.