वाराणसी (ब्यूरो)देश के तमाम राज्यों को पीछे छोड़ते हुए 69 जीआई टैग के साथ देश के पहले पायदान पर उत्तर प्रदेश पहुंच गया हैनाबार्ड-लखनऊ एवं राज्य सरकार के प्रयास से शनिवार को जारी हुए जीआई रजिस्ट्री चेन्नई के जीआई एप्लीकेशन स्टेट्स से जानकारी मिलते ही जीआई उत्पादक समुदाय से जुड़े लोगों में खुशी की लहर दौड़ गईशनिवार को वाराणसी क्षेत्र से 9 जीआई उत्पाद पंजीकृत हुए जिसमें विश्वप्रसिद्ध बनारस की ठंडई, लाल पेड़ा, के साथ ही संगीत वाद्ययंत्र बनारस शहनाई, बनारसी तबला, के साथ-साथ लाल भरवा मिर्च, चिरईगॉव करौंदा, जौनपुर इमरती, बनारस मुरल पेंटिंग और मूंज क्राफ्ट शामिल हैइसके साथ ही अब काशी क्षेत्र एवं पूर्वांचल के जनपदों में कुल 32 जीआई उत्पाद देश की बौद्धिक सम्पदा अधिकार में शुमार हो गए, जो दुनिया के किसी भू-भाग में नहीं है.

9 वर्षों में 32 जीआई

वर्ष 2014 के पहले वाराणसी क्षेत्र से मात्र दो जीआई उत्पाद जैसे बनारस ब्रोकेड एवं साड़ी तथा भदोही हस्तनिर्मित कालीन को ही यह दर्जा प्राप्त थालेकिन, मात्र 9 वर्षों में यह संख्या 32 तक पहुंच गयी और जीआई के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत लोकल से ग्लोबल को नया मुकाम हासिल हुआ और भारत की समृद्ध विरासत को अन्तर्राष्ट्रीय कानूनी पहचान मिली.

30 हजार करोड़ का कारोबार

वाराणसी परिक्षेत्र एवं नजदीकी जीआई पंजीकृत जनपदों में ही लगभग 30 हजार करोड़ का वार्षिक कारोबार के साथ ही 20 लाख लोगों को अपने परंपरागत उत्पादों का कानूनी संरक्षण प्राप्त हुआ और रोजगार के नए अवसर खुले तथा पर्यटन, व्यापार और ई-मार्केटिंग के माध्यम से यहां के उत्पाद तेजी से दुनिया के सभी भू-भाग में पहुंच रहे हैं.

160 जीआई पंजीकरण

डारजनीकांत ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जीआई रजिस्ट्री चेन्नई के सफल प्रयास से 160 नए उत्पादों का जीआई पंजीकरण हुआ, जो गत वर्ष हुए 55 जीआई टैग की तुलना में तीन गुणा के बराबर है एवं इसमें अकेले संस्था ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी के तकनीकी सहयोग से 12 राज्यों में 99 जीआई पंजीकरण हुआ, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेधालया, असम, जम्मू एण्ड कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात, उत्तराखण्ड के साथ-साथ उप्र के 14 नए जीआई पंजीकरण शामिल हैंयह किसी भी संस्था द्वारा जीआई टेक्निकल फैसिलिटेटर के रूप में देश में किया गया सर्वाधिक जीआई का पंजीकरण है.