-शहर के पुराने इलाके की हालत है खस्ता हाल, पुरानी पाइन लाइनों के कारण लीकेज में ही बर्बाद हो जा रहा है पानी

-गंदगी और टूटी-फूटी गलियों में रात के वक्त स्ट्रीट लाइट न जलना बनता है हादसे का सबब

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बनारस जिसे देखने और समझने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। यहां की गलियां, घाट और संस्कृति से प्रभावित होकर बनारस का गुणगान करते हैं लेकिन बनारस की असल पहचान कहा जाने वाला पक्का महाल विभागीय लापरवाही के कारण उन तमाम दिक्कतों से जूझ रहा है जिसके चलते बनारस की छवि खराब हो रही है। विश्वनाथ मंदिर के आस पास का इलाका हो या फिर घाटों से सटी गलियां हर की हालत बेहद खराब है। सबसे ज्यादा परेशान अगर इन इलाकों में है तो वो पीने के पानी की किल्लत। सरकारी पाइप लाइन गलियों में दौड़ी तो हैं लेकिन सुबह हो या शाम पानी नलों तक पहुंचने से ही हांफ जाता है। वहीं गलियों में गंदगी और टूटे-फूटे चौके गुजरने वाले लोगों और सैलानियों को परेशान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं।

नहीं है मुकम्मल इंतजाम

गलियों के शहर बनारस की पहचान अगर है तो घाटों और पक्के महाल से लेकिन इन इलाकों में रहने वाले लोग पीने के पानी की बड़ी किल्लत से जूझ रहे हैं। गंगा किनारे के मणिकर्णिका घाट, ब्रह्मनाल, गढ़वासी टोला, गऊमठ, शीतला गली, शुग्गा गली, रामघाट, चूहागली, मंगलागौरी, मीरघाट, नीचीब्रहपुरी, दशाश्वमेध समेत तमाम इलाकों में पीने के पानी कि भीषण किल्लत है। सरकारी नलों में पानी आता है तो दरवाजे तक पहुंचकर ही रुक जाता है। ऊंचाई पर बसे मकानों तक पानी की सप्लाई बमुश्किल हो पाती है। इसके कारण लोगों को सुबह शाम अपने घरों के दरवाजों पर ही पानी भरने के लिए बैठना पड़ता है। दिक्कत इस बात की है कि इतनी मुसीबतों के बाद भी अब तक इसका कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं किया जा सका है।

गंदगी का है बोलबाला

पक्के माहौल में ही बनारस बसता है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर हो या फिर अन्नपूर्णा का दरबार सब इसी इलाके में हैं। इसके बावजूद पब्लिक की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गलियों में लगे पत्थर और चौंके उखड़ चुके हैं। सीवर हमेशा ओवरफ्लो रहता है और गंदगी इतनी की एक बार अगर कोई गलियों से गुजर जाये तो दोबारा आने में तौबा कर बैठे। इतनी दुश्वरियों के बाद भी इन इलाकों में लोग रहने पर मजबूर हैं और प्रशासन मानों आंखे मूंदे पड़ा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि गलियों में छुट्टा जानवरों का भी आतंक है और रात में स्ट्रीट लाइट का न जलना परेशानी बढ़ाता है।

मैं मान नहीं सकता हूं कि शहर में पीने के पानी की या फिर सीवर ओवरफ्लो की समस्या है। रही बात गंदगी की तो क्षेत्रिय लोग जरा भी मदद नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण समस्या बनी है।

दिलीप यादव, क्षेत्रीय पार्षद

दिक्कतें तो इतनी हैं कि पूछिये मत। मेरा घर काफी ऊंचाई पर है। यहां तक पानी नहीं आता है। गंदगी भी बहुत है पूरे इलाके में।

अंकित मोहले, नागरिक

सफाई को लेकर व्यवस्था बहुत लचर है। कोई सुनने वाला भी नहीं है। विश्वनाथ मंदिर बगल में होने के बाद भी सफाई प्रॉपर नहीं होती है। जिसके कारण बहुत दिक्कत होती है।

मधु मिश्रा, नागरिक

पीने के पानी से लेकर गंदगी और अन्य कई समस्याएं हैं क्षेत्र में। अक्सर कोई न कोई वीआईपी जाता है इस ओर से तभी साफ सफाई होती है बाकि दिन ऐसे ही रहता है।

कृष्णा गुप्ता, नागरिक