- दरक रहे घाटों की मरम्मत कराएगा जिला प्रशासन

- राज्यमंत्री ने दिया आदेश, विधायक निधि से देंगे फंड

- कंपनियों से सीएसआर फंड से भी कराया जाएगा काम

देर से ही सही काशी के दरक रहे घाटों की प्रशासन ने सुधि ली है। क्षतिग्रस्त हो चुके या टूट-फूट का शिकार हो रहे घाटों की मरम्मत का काम जल्द शुरू किया जाएगा। फिलहाल इसके लिए 26 घाटों को चिह्नित किया जा रहा है। राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी ने समीक्षा बैठक के दौरान प्रशासन को विधायक निधि के अलावा कंपनियों के सीएसआर फंड से यह काम कराने का निर्देश दिया है।

मोदी-मैक्रों विजिट के दौरान हुई थी किरकिरी

यूं तो काशी के दरकते घाटों को लेकर लंबे समय से चिंताएं जताई जा रही हैं। मगर इनकी हालत सुधारने के लिए कोई पहल नहीं की गई। इस वर्ष 12 मार्च को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के प्रधानमंत्री मोदी के साथ काशी आगमन के दौरान प्रशासन की काफी किरकिरी हुई थी। प्रभु घाट की टूटी सीढि़यों को दरी से ढक दिया गया था। तमाम नालों के मुहाने छिपाने के लिए होर्डिग लगा दी गई थी। इसे सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया था।

राज्यमंत्री ने ली सुधि

राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी ने जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसरों के साथ बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि घाट बनारस की सुंदरता के प्रतीक हैं और इन्हें हर हाल में ठीक किया जाना चाहिए। तय किया गया कि 26 घाट जिनकी हालत बेहद खराब है, पहले चरण में उनकी मरम्मत कराई जाएगी। घाटों की टूटी सीढि़यों के अलावा नीचे से पोले हो रहे घाटों की भी मरम्मत की जाएगी। इसके अलावा घाट के रास्तों को भी दुरुस्त किया जाएगा ताकि पर्यटकों को आने-जाने में दिक्कत न हो।

इन घाटों की ली जाएगी सुधि

भदैनी घाट, निषादराज घाट, प्रभु घाट, चेतसिंह घाट, हनुमान घाट, निरंजनी घाट, दांडी घाट, सोमेश्वर घाट, नारद घाट, सर्वेश्वर घाट, सक्का घाट, गोला घाट, लाल घाट, बूंदी परकोटा घाट, जठार घाट, राम घाट आदि।