- गूगल प्ले स्टोर पर लांच हुआ पीबीडी वाराणसी मोबाइल एप

- एनआरआई समिट के मेहमानों को घर ठहराने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन

15वें एनआरआई सम्मेलन में आने वाले मेहमानों को काशी घुमाने की तैयारियां तो जारी हैं मगर मेहमानों को ठहराना कहां है, यह इस समय प्रशासन के सामने सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने 'काशी आतिथ्य' नामक एप तैयार कराया है। मेहमानों को अपने घर ठहराने के लिए लोगों को यहां सिर्फ रजिस्ट्रेशन करना होगा। सत्यापन के बाद प्रशासन उन्हें मेजबानी का साझेदार बनाएगा।

ताकि हर कोई बन सके आयोजक

डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मेहमानों को वाराणसी की आतिथ्य परंपरा से रूबरू कराने के लिए यह योजना बनाई गई है। एप लांच करने का उद्देश्य यह है कि मेजबानी के इच्छुक लोगों को अफसरों के यहां दौड़ना न पड़े और वह घर बैठे इस पर रजिस्ट्रेशन कर लें। 21 से 23 जनवरी तक होने वाले आयोजन के लिए 20 जनवरी तक मेहमान अपने-अपने मेजबानों के घर पहुंचा दिए जाएंगे और वह अधिकतम चार दिन यानी 24 जनवरी तक उनके घरों में रुकेंगे।

अपलोड करनी होगी घर की फोटो

मेजबानों के सत्यापन और घर में मौजूद सुविधाओं के सत्यापन में कम समय लगे, इसके लिए एप पर फोटो अपलोड करने का ऑप्शन दिया गया है। एप पर अपना नाम, पता, व्यवसाय डालने के बाद आपको इस पर घर के उस हिस्से की तस्वीरें अपलोड करनी होंगी जहां आप अपने एनआरआई मेहमान को ठहराएंगे। सरकारी कर्मचारी इसके सत्यापन के लिए आपके घर पहुंचेंगे और सत्यापन के बाद आपको आपके मेहमान के आने का दिन-समय, रुकने के दिन समेत अन्य सारी जानकारी दे दी जाएगी।

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

- गूगल प्ले स्टोर से पीबीडी वाराणसी एप डाउनलोड करें

- एप पर नाम-पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें

- आपके मोबाइल पर एप एक ओटीपी भेजेगा

- ओटीपी रजिस्टर करने के बाद आप मुख्य एप में पहुंच जाएंगे

- 'काशी आतिथ्य' संबंधी घोषणा पढ़ें और एप्रूव कर आगे बढ़ें

- एप में अपने भवन से संबंधी जानकारियां अपडेट करें

- मकान स्वामी का नाम-पता आदि जानकारियां भी दर्ज करें

- एप पर फोटो क्लिक करने के साथ ही पुरानी फोटो अपलोड भी की जा सकती है

- सत्यापन के बाद आपको आपके अतिथि का विवरण दिया जाएगा।

वर्जन

यह आयोजन सरकारी नहीं बल्कि काशी के लोगों का है। गणमान्य नागरिकों ने बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेने की मंशा भी जताई है। मोबाइल एप जनता की आसानी के लिए है और इससे काम भी तेजी से हो सकेगा।

सुरेंद्र सिंह, डीएम वाराणसी