-आज से नहीं अब संभवत शुक्रवार को खुलेंगे सिनेमाघर

-मल्टीप्लेक्स है तैयार, अब नई रिलीज का इंतजार

-डिस्ट्रिब्यूटर्स अभी नहीं कर रहे कोई फिल्म रिलीज

::: प्वाइंटर :::

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माह बाद मल्टीप्लेक्स खोलने की मिली अनुमति

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जुलाई को अक्षय कुमार की बेल बॉटम हो सकती है रिलीज

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार थमते ही प्रदेश सरकार ने सोमवार यानि पांच जुलाई से सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दी है। करीब तीन माह बाद मल्टीप्लेक्स खोलने की अनुमति मिलने के बाद संचालकों ने तैयारियां शुरू कर दी है। हालांकि कोरोना की वजह से डिस्ट्रिब्यूटर्स द्वारा अभी कोई नई फिल्म रिलीज नहीं होने के कारण सोमवार से सिनेमाघर खोलना संभव नहीं होता दिख रहा है। मल्टीप्लेक्स संचालक फिलहाल फुल फेज में हॉल खुलने के पक्ष में तो नहीं है, लेकिन शुक्रवार को फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' रिलीज हो सकती है। यदि ऐसा होता है तीन माह से थिएटर में गिरा पर्दा दोबारा उठ सकता है। वहीं मल्टीप्लेक्स संचालकों का कहना है कि जब तक कोई दमदार नई फिल्म नहीं आएगी तब तक दर्शकों को सिनेमाघर तक ले आना बहुत मुश्किल है। भले ही कोरोना का संक्रमण दर कम हो गया है, लेकिन डर अभी गया नहीं है।

अक्षय की फिल्म से हो सकता है आगाज

दिल्ली से लेकर मुंबई तक में अभी मल्टीप्लेक्स बंद हैं। ऐसे में कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर कोई नई फिल्म रिलीज नहीं कर रहा। जब तक वहां के सिनेमाघर नहीं खुलते हैं तब तक बड़ी और नई फिल्में रिलीज होना संभव नहीं है। हां यह उम्मीद जरूर जताई जा रही है कि जुलाई के अंत तक आने वाली बड़ी फिल्मों से सिनेमाघरों का पर्दा उठेगा। जेएचवी मॉल के ओनर गौरव जायसवाल ने बताया कि डिस्ट्रिब्यूटर अभी कोई रिस्क लेना नहीं चाहते हैं। अभी तो सिर्फ यूपी सरकार ने सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दी है, जब तक दिल्ली, मुंबई के मल्टीप्लेक्स नहीं खुल जाते तब तक यहां फिल्में नहीं आएंगीं। 27 जुलाई को अक्षय कुमार की वेल बॉटम और 15 अगस्त को सूर्य वंशी रिलीज करने की योजना बनी है। अगर ऐसा संभव होता है तो उसी दिन से मल्टीप्लेक्स खोला जाएगा।

सरकार से मदद की दरकार

महामारी के दौरान सिनेमाघर बंद होने से संचालकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा। संचालकों का कहना है टैक्स, बिजली और कर्मचारियों का वेतन जेब से देना पड़ रहा है। इसलिए सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है। गत वर्ष 24 मार्च से सभी सिनेमाघरों को महामारी के कारण बंद कर दिया गया था। उसके बाद 23 अक्टूबर को संक्रमण की रफ्तार थमने पर सिनेमाघर खुले तो गाइडलाइन के अनुसार दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाया जा रहा था। अभी दर्शकों की जुटान शुरू ही हुई कि दोबारा कोरोना की दूसरी लहर ने हमला बोल दिया। इससे एक बार फिर मार्च से सिनेमाघर बंद करने पड़े। अब फिर से सिनेमाघरों को खोलने का आदेश मिला है। सवा साल में ज्यादातर दिनों में सिनेमाघर बंद ही रहे हैं। इस कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

::: कोट :::

भले ही यूपी सरकार ने मल्टीप्लेक्स खोलने की इजाजत दे दी है, लेकिन कोई नई और अच्छी फिल्म रिलीज न होने से फिलहाल इसे नहीं खोला जाएगा। क्योंकि दर्शक पुरानी फिल्में देखने नहीं आएंगे। अगर खुलेंगे भी तो सिर्फ खर्च ही बढ़ेंगे।

गौरव जायसवाल, ओनर, जेएचवी

सिनेमाघर खुलने के बाद भी लंबे समय तक दर्शकों का टोटा रहता है, लेकिन टैक्स, बिजली व कर्मचारियों के वेतन देने ही होते हैं। अच्छी फिल्म नहीं होंगे तो दर्शक नहीं आएंगे। इसलिए फिलहाल तो हॉल बंद रहेगा।

मनीष गुप्ता, प्रबंधक जेएचवी माल

पिछले दो साल में महज 6 माह ही सिनेमाघर खुले थे। उसमें भी दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाने का निर्देश था। टिकट दर बढ़ा नहीं सकते। जब तक कोई बड़ी फिल्म नहीं आती तब तक मल्टीप्लेक्स को खोलना संभव नहंी है।

शीतला शरण सिंह, प्रबंधक, आईपी माल