-समागम हादसे के दूसरे दिन पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाने के लिए भारी फोर्स की थी तैनात

-रामनगर से लगायत समागम स्थल तक किया था गया यातायात प्रतिबंधित

VARANASI

रामनगर में मची भगदड़ के दूसरे दिन रविवार को पुलिस ने बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती कर अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश की। शनिवार को जहां एक ओर हजारों की भीड़ को मैनेज करने के लिए ट्रैफिक पुलिस का एक जवान नहीं दिखाई दे रहा था वहीं रविवार को सैकड़ों की संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल मुस्तैद दिखे। पुलिस के आला अधिकारियों की गाडि़यां भी दिन भर रामनगर के चक्कर लगाती रही।

मुस्तैद रहे जवान

समागम स्थल पर जाने के लिए बनाये गये मुख्य पैदल मार्ग कटेसर गांव मार्ग पर पुलिस के जवान तैनात थे जो मीरजापुर रामनगर (मुख्य सड़क) पर चलने वाले वाहनों को रोक रहे थे। पुलिस के जवान पैदल जा रहे गुरुदेव के समर्थकों को पहले निकाल रहे थे उसके बाद वाहनों को छोड़ा जा रहा था। समागम स्थल से लगायत पूरे इलाके में पुलिस फोर्स की व्यापक तैनाती की गई थी। समागम स्थल व आसपास के इलाकों में क्क् जिले की फोर्स की तैनाती की गई थी। एसपी सिटी सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि मीरजापुर के डीआईजी, दो एसपी, 9 एएसपी, फ्0 क्षेत्राधिकारी, क्भ् कंपनी पीएसी, क्भ् सौ सिविल पुलिस, पांच सौ एसआई व फ्0 एसओज को लगाया गया था।

चार पहिया वाहन थे प्रतिबंधित

राजघाट पुल पर दोनों तरफ से बैरीकेडिंग कर वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था। दोनों ही तरफ बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। समागम में पहुंची भीड़ की अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुल पैदल चलने वालों से पटा दिखा। पर हर कोई यह कहता चल रहा था कि अगर यह व्यवस्था एक दिन पहले कर दी गयी होती तो शायद ख्भ् लोगों को अपनी जान न गंवानी पड़ती।