-मार्केट में उतारे गये अरबियन और पाकिस्तान के हलीमी सीलबंद मिस्वाक

-महंगी होने के बावजूद रोजेदारों में इसकी है जबरदस्त डिमांड

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VARANASI

इबादत के महीने रमजान की हर तरफ धूम दिखायी दे रही है। हर किसी की चाहत है कि अल्लाह उसके इबादत को कुबूल करे और उसे अपनी रहमतों से नवाजे। हर कोई पाकीजगी का मुकम्मल ध्यान रखते हुए रोजे के अरकार पूरे कर रहा है। रोजेदार अपने मुंह की ताजगी को लेकर भी खासे संजीदा हैं। पर खास बात यह है कि रोजेदारों के मुंह की ताजगी पर सऊदी अरब और पाकिस्तान के हलीमी मिस्वाकों की कब्जेदारी दिखायी दे रही है। जी हां, मार्केट में सील बंद मिस्वाक अवेलेबल हैं। शानदार एयर टाइट पैकिंग में मिलने वाले इन मिस्वाकों की रोजेदारों में खासी डिमांड भी है। हर रोजेदार की चाहत है कि वो इन्हीं मिस्वाकों से अपने दांतों और मसूड़ों की मालिश करे।

मिस्वाक है सुन्नत

सील बंद एक मिस्वाक की डंडी की कीमत ख्0 से भ्0 रुपये तक है। इसके बावजूद रोजेदारों में इसका जबरदस्त क्रेज है। व्यापारी दिलशाद बताते हैं कि खाड़ी कंट्रीज में पाये जाने वाले खास झाड़ी के हलीमी मिस्वाक की अपनी अलग विशेषता है। हलीमी मिस्वाक मुलायम होता है और इसे अन्य दातुनों की अपेक्षा कम चबाना पड़ता है। इसके अलावा हदीस में मिस्वाक को सुन्नत बताया गया है। यह राजस्थान में भी पाया जाता है। लेकिन अरबियन कंट्रीज में इसके अधिक इस्तेमाल के चलते पूरी दुनिया के मुस्लिम लोगों में इसका अधिक क्रेज है।

नीम के दातुन की भी डिमांड

हलीमी मिस्वाक के अलावा नीम के दातुन की भी डिमांड है। सामान्य लोग इसी दातुन से मुंह साफ कर रोजा खोलते हैं। नीम के दातुन अपने यहां आसानी से मिल भी जाता है। इसका दाम भी कम है।