-बगैर पूछे आम खा लेने पर मासूम की रॉड से पिटाई का मामला

-मंगलवार को पुलिस ने निर्दयी महिला को भेजा जेल

पायल (11 वर्षीय) का कसूर बस इतना था कि उसने बगैर पूछे एक आम खा लिया। इसके बाद उसकी रॉड से पिटाई कर दी गई। मामला वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र का है, जहां सहेली की बेटी को रॉड से मारकर महिला ने घायल कर दिया। महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया।

वहीं मासूम बच्ची के साथ पत्नी की अमानवीय हरकत पर रोक न लगा पाने के आरोप में पुलिस ने महिला के साथ उसके पति को भी आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया। वहीं घायल बच्ची का ट्रीटमेंट बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि अब मासूम की स्थिति सामान्य है।

आपबीती बताते हुए सिहर उठती थी।

रोहनिया थाना क्षेत्र के मूड़ादेव निवासी भगवानदास राजभर की पत्नी शकुंतला नरोत्तमपुर स्थित एक संस्था में काम करती है। वहीं उसकी जान-पहचान भदोही के पचोड़ गांव निवासी ब्रह्मदेव की पत्नी सरिता पांडेय से हुई। सरिता और उसके पति डाफी में रहते हैं। दोनों में अच्छी तरह से जान पहचान हो गई। सरिता ने शकुंतला से कहा कि वह एक छोटी बच्ची का इंतजाम करे। वह बच्ची उसके घर रह कर उसके बच्चे को देखेगी और उसकी पढ़ाई-लिखाई व परवरिश अच्छे तरह से करेगी। इस पर शकुंतला ने अपने 4 बच्चों में तीसरे नंबर की 11 वर्षीय पायल को सरिता के घर भेज दिया।

रोजाना का मामला

बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती पायल बोली कि उसकी मां ने उसे लगभग 6 माह पहले सरिता आंटी के घर भेजा था। लगभग 5 महीने तक कोई दिक्कत नहीं थी। जुलाई के शुरुआती दिनों में वह एक दिन आंटी के घर रखे आम में से एक उनसे पूछे बगैर खा ली थी। इस पर आंटी बहुत ज्यादा नाराज हो गईं और उन्होंने रॉड से मारा। इसके बाद फिर रोजाना किसी न किसी बात को लेकर वह रॉड से मारती रहती थीं।

शरीर पर जगह-जगह चोट

पायल ने बताया कि वह आंटी का घर छोड़ कर भागना चाहती थी, लेकिन पैर में घाव और दर्द के कारण वह चल नहीं पा रही थी। उसके पास मोबाइल भी नहीं था कि वह अपनी मां को फोन कर सके। उसकी मां भी उससे मिलने नहीं आ रही थी। 5 दिन पहले जब उसकी मां उससे मिलने आई तो उसकी जान में जान आई और लगा कि अब वह आंटी की रोजाना की मार से बच जाएगी। वहीं आंटी ने उसकी मां से कहा कि सीढ़ी से गिर गई थी। इस वजह से चल नहीं पा रही है। हालांकि उसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान और पूरे पैर में घाव हैं।

पैर में मवाद बन गए है

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में पायल का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का उपचार शुरुआत में उसके मां-बाप ने किसी झोलाछाप चिकित्सक से कराया जाना प्रतीत हो रहा है। इसी वजह से उसके पैर में इंफेक्शन हो गया है और मवाद भर गया है। उपचार शुरू कर दिया गया है, पूरी उम्मीद है कि जल्द ही बच्ची स्वस्थ होकर घर जाएगी।

कोट

मुकदमा दर्ज कर आरोपित पति-पत्‍‌नी को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया गया है। मजिस्ट्रेट के सामने बच्ची का कलमबंद बयान दर्ज कराया गया है।

विकास चंद्र त्रिपाठी, एडीसीपी काशी जोन