- पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा

- कड़ी सुरक्षा के बीच अदा की गयी नमाज, लोगों ने कुर्बानी देकर चखा पकवानों का स्वाद

VARANASI

समर्पण और कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा यानि बकरीद शुक्रवार को अकीदत और जोशो खरोश के साथ मनाया गया। तमाम ईदगाहों व चुनिंदा मस्जिदों में बकरीद की विशेष नमाज अदा कर देश में अमन और चैन के लिए दुआ मांगी गई। इस दौरान मक्का स्थित मस्जिद हरम में हुए क्रेन हादसे और रविवार गुरुवार को हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले सैकड़ों लोगों की आत्मा की शांति के लिए भी दुआएं हुईं।

बकरीद की नमाज सुबह जल्दी होती है इसलिए तैयारियां फज्र की नमाज के बाद से ही शुरू हो गईं। सुन्नियों ने नमाज सुबह म् बजकर ब्भ् बजे से आठ बजे तक अदा की जबकि शिया हजरात की नमाजें क्0 बजे तक अदा हुई। लोग घर से पूरे रास्ते अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, वलिल्लाहिल हम्द की तकबीरें बुलंद करते नमाज को पहुंचे। मुख्य रूप से गिलट बाजार स्थित मस्जिद नवाब टोंक में मुफ्ती हारून रशीद नक्शबंदी, ईदगाह हकीम सलामत अली पितरकुण्डा में मुफ्ती-ए-बनारस अब्दुल बातिन नोमानी, मस्जिद ढाई कंगूरा चौहट्टा लाल खां में हाफिज नसीम, मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में सूफी जकीउल्लाह असदुल कादरी, मस्जिद बैतुस्सलाम में काजी-ए-शहर मौ। गुलाम यासीन व मस्जिद ज्ञानवापी में मौ। आखिर नोमानी ने ईदुल अजहा की नमाज अदा करायी।

सड़कों पर नमाज हुई अदा

वहीं लाट सरैया में नमाजियों की जबरदस्त भीड़ को देखते हुए नमाज का समय बढ़ाना पड़ा। काशी विद्यापीठ, नदेसर, नई सड़क, ईदगाह आदि जगहों पर सड़कों पर भी नमाजियों की भीड़ देखते लगी थी। नमाज के बाद सबने गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद दी और फिर लोगों ने घरों का रुख किया और फिर शुरू हुआ कुर्बानियों का सिलसिला। घरों में मिलने-मिलाने और मेहमाननवाजी का सिलसिला पूरे तीन दिनों तक चलता रहेगा। लोगों ने गोश्त के पकवानों के अलावा छोले पकौड़ी व सेवईं समेत अन्य खाने का भी जायका लिया। नमाज के दौरान मस्जिद लाट सरैया पर खुद डीएम व एसएसपी मौजूद रहे। जबिक पिछले दिनों के हंगामी हालात को देखते हुए बकरीद पर कड़ी सुरक्षा की गई थी।