-सिटी में त्यौहारों व वीआईपी मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए खरीदे जाने वाले थे दो ड्रोन कैमरे

-कई कम्पनियां दे चुकी हैं ट्रायल, शासन से मिल चुके हैं आठ लाख रुपये भी, फिर भी नहीं हुई पर्चेजिंग

VARANASI

बनारस की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए शासन स्तर पर किया गया प्रयास अब तक हवा में है। ये प्रयास ड्रोन कैमरे के रूप में जल्द सच होने वाला था लेकिन अब तक न तो ड्रोन का कोई पता है और न ही इसकी खरीद फरोख्त कब तक हो जायेगी ये भी क्लीयर नहीं हो पा रहा है। ये हाल तब है जबकि बनारस में पिछले छह माह के दौरान हुए उपद्रव और हंगामे को देखते हुए शासन ने आठ लाख रुपये ड्रोन की खरीद के लिए रिलीज किए हैं। इसके बाद भी ड्रोन कैमरा बनारस पुलिस महकमे में अब तक नहीं आ सका है।

देव दीपावली तक था दावा

बनारस में पांच अक्टूबर को प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद सुरक्षा के लिहाज से ड्रोन कैमरे की जरूरत समझी गई थी। जिसके बाद शासन स्तर पर बनारस पुलिस को दो ड्रोन कैमरे परचेज करने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद एसएसपी आकाश कुलहरि ने दिल्ली और नोएडा की कुछ ड्रोन कैमरों की कम्पनियों से सम्पर्क किया और दशहरे पर विसर्जन से पहले गोदौलिया चौराहे पर कई ड्रोन कम्पनियों के कैमरों का ट्रायल लिया गया। दशहरे पर दो ड्रोन को चेक भी किया गया लेकिन परचेजिंग नहीं हुई। इस बीच शासन से आठ लाख रुपये भी ड्रोन कैमरे के लिए दे दिए गए। जिसके बाद महकमा फास्ट हुआ और एसएसपी ने दशाश्वमेध घाट पर चार ड्रोन कम्पनियों के कैमरों का ट्रायल लिया और ये दावा किया कि देव दीपावली पर पुलिस अपने ड्रोन कैमरों से पूरी निगरानी करेगी लेकिन ये दावा भी हवा हवाई ही साबित हुआ और अब तक ड्रोन नहीं खरीदा जा सका है। हालांकि एसएसपी का कहना है कि देव दीपावली पर ड्रोन से निगरानी हुई थी लेकिन अपने नहीं किराये के। अपना ड्रोन पुलिस के पास कब तक होगा? इस सवाल का जवाब एसएसपी की ओर से नहीं दिया गया।