वाराणसी (ब्यूरो)राजधानी लखनऊ के इकाना स्टेडियम से योगी सरकार-02 का सफर शुरू हो गयायोगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लीइसके बाद योगी कैबिनेट में शामिल कैबिनेट, स्वतंत्र प्रभार व राज्यमंत्रियों के शपथ का सिलसिला शुरू हुआबनारस के शिवपुर से दोबारा विधायक चुने गए अनिल राजभर को जैसे कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई, वैसे बनारस में खुशी का माहौल शुरू हो गयाकैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट खत्म होते ही स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों की बारी आई तो उत्तरी से तीसरी बार विधायक बने रविंद्र जायसवाल को शपथ लेने के लिए बुलाया गया तो खुशी का माहौल जश्न में तब्दील हो गया हैइसी बीच लोगों की निगाहें नीलकंठ तिवारी को ढूंढ रही थी कि अचानक दयाशंकर मिश्र दयालु को बुलाया गया तो पूरा बनारस बम-बम हो गयाबनारस के कोटे से एक कैबिनेट और दो स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद योगी सरकार में बनारस का रुतबा बरकरार रखा गया

विरासत में मिली राजनीति

विधानसभा चुनाव 2022 में शिवपुर सीट से दोबारा विधायक चुने गए अनिल राजभर योगी सरकार में दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैंवह भाजपा के लिए पिछड़ी जातियों को जोडऩे के राजनीतिक समीकरण साधने के लिए काफी महत्वपूर्ण चेहरा हैं। 49 वर्षीय अनिल राजभर मूल रूप से चंदौली जिले के सकलडीहा स्थित नागेपुर ग्राम के निवासी हैंचंदौली से भूगोल विषय से परास्नातक हैंउन्हें राजनीति विरासत में मिली हैउनके पिता रामजीत राजभर परिसीमन के पूर्व की चिरईगांव विधानसभा सीट से विधायक रहेअनिल भाजपा में शामिल हुए तो उन्हें विशेष रूप से राजभर जाति के लोगों को पार्टी से जोडऩे की जिम्मेदारी मिली

जीत की हैट्रिक, दोबारा मंत्री

योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में रवींद्र जायसवाल को दोबारा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया हैवह उत्तरी सीट से रिकार्ड मतों से जीत कर तीसरी बार विधायक बने हैंलल्लापुरा खुर्द निवासी 49 वर्षीय रवींद्र जायसवाल एमकाम, मास्टर इन बिजनेस एडमिस्ट्रेशन के साथ ही कानून में स्नातक हैंहोटल और अन्य कई व्यवसाय से जुड़े हुए हैंरवींद्र जायसवाल 2012 में सपा लहर में विधायक बनेउसी समय से यह वेतन नहीं लेने वाले विधायक के रूप में प्रचलित हुए

दयाशंकर को धैर्य का फल

योगी सरकार 2.0 में दयाशंकर मिश्र दयालु को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया हैवह 2013 में भाजपा में शामिल हुए उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा और नित नई उंचाईयां प्राप्त करते रहेयोगी की पिछली सरकार में उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड में उपाध्यक्ष का पद देकर पुरस्कृत किया गया था। 57 वर्षीय डादयाशंकर मिश्र दयालु मूल रूप से गाजीपुर जनपद के सिधौना निवासी हैंवर्तमान में डीएवी इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैंबीएचयू में छात्र राजनीति में सक्रिय हुएउन्होंने 2007 और फिर 2012 में कांग्रेस के टिकट पर शहर दक्षिणी से भाग्य आजमाया लेकिन भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी दादा के सामने सफल नहीं हुएवर्ष 2017 के चुनाव में टिकट तो डानीलकंठ को मिला, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड में उपाध्यक्ष बनाया गयाफिलहाल वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैंउम्मीद है कि पार्टी की ओर से उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाकर सरकार में पांच साल काम करने का मौका दिया जाएगा.