वाराणसी (ब्यूरो)नई पीढ़ी डिजिटल क्या हुई, काशी के स्ट्रीट वेंडर्स भी हाईटेक हो गएदो रुपए का सामान लेने वालों से भी सीधे डिजीटल ट्रांजेक्शन कर रहे हैंआम हो या खास, सभी से ऑनलाइन टांजेक्शन कर रहे हैंयही वजह है कि आज की डेट में डिजिटल दुकानदारों की संख्या बढ़ती जा रही हैशहर के 73,500 में 28 हजार स्ट्रीट व्यवसायी डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सूबे के पहले स्थान पर पहुंच गए हैं, जबकि दूसरे स्थान पर इलाहाबाद और तीसरे पर लखनऊ हैं। 20 महीने में 2.50 करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन नया रिकॉर्ड बना दिया.

डिजिटल लेन-देन में सबसे आगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटल लेन-देन पर फोकस करने के बाद आज हर स्ट्रीट वेंडर सभी से लेन-देन ऑनलाइन कर रहे हैंयही वजह है कि अब इनके यहां जाने से कोई कतरा नहीं रहा हैबनारस के स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटल ट्रांजेक्शन करने में प्रदेश में सबसे आगे निकल चुके हैंयही नहीं करोड़ों में डिजिटल ट्रांजेक्शन करने का फायदा इन्हें कैश बैक के रूप में भी मिल रहा है.

स्ट्रीट वेंडर की शहर में बढ़ी साख

स्ट्रीट वेंडरों की दुकानें महमूरगंज, मैदागिन, लक्सा, सिगरा समेत कई क्षेत्रों में चल रही हैंसभी ने डिजिटल टेक्नोलाजी को अपना रखा हैकोई भी पर्सन इनके यहां खाने-पीने के लिए पहुंचता है तो सबसे आगे अपने काउंटर पर गूगल पे, भीम एप चिपका रखे हैंकोई अगर कैश भी देता हैं तो कहते हैं कि ऑनलाइन पेंमेट करिएइन स्ट्रीट वेंडरों की यह सक्रियता देख कई वीआईपी इनके यहां के परमानेंट कस्टमर बन चुके हैं.

योगी सरकार ने उपलब्ध कराया अनुकूल माहौल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्ट्रीट वेंडर्स को ऐसा माहौल दे रहे हैं, जिससे उनके व्यापार को नया आयाम मिल रहा हैपहले की सरकारों में पुलिस और नगर निगम रेहड़ी पटरी व्यवसाइयों को तंग करते थे, जिससे उनको अपनी आजीविका चलाने में परेशानी होती थीयोगी सरकार ने इनको स्थायित्व दिया, जिन्हें वेंडिंग जोन के रूप में उनके व्यापार के लिए चिह्नित जगह उपलब्ध करायी गयीसाथ ही बड़े पैमाने पर स्ट्रीट वेंडर्स को फिनटेक कंपनियों के साथ पंजीकृत कराया गयायही नहीं बड़े पैमाने पर ठेला पटरी व्यवसाइयों को पीएम स्वनिधि योजना से भी जोड़ा गया, जिसके लिए हाल ही में वाराणसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित भी किया है.

2.50 करोड़ का डिजिटल लेन देन

आमजन और वीआईपी ने स्ट्रीट वेंडरों को तव्वजों क्या दिया इनकी साख बढ़ गईउन्होंने रिकॉर्ड कायम कर दिया हैडिजिटल ट्रांजेक्शन में वाराणसी स्थान पूरे यूपी में सबसे ऊपर हैयहां 28 हजार स्ट्रीट व्यवसाइयों ने महज़ 20 महीने में 2.50 करोड़ का व्यापार डिजिटल लेन देन से कर दिखाया हैयह उत्साह इनका लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं

कैशबैक की सुविधा

स्ट्रीट व्यवसाइयों को डिजिटल ट्रांजेक्शन करने पर कैशबैक की सुविधा मिलती हैजो स्ट्रीट वेंडर महीने में कम से कम 200 ट्रांजेक्शन करता है उसे प्रति महीने 100 रुपए कैशबैक मिलता हैयह एक साल में 1200 रुपए हो जाता हैडिजिटल लेनदेन करने से स्ट्रीट व्यवसाइयों को बैंक से लोन लेने में भी मदद मिलती हैसाथ ही कैशबैक के रूप में उनको अच्छी कमाई भी होती है.

स्ट्रीट व्यवसाई अब काफी हाईटेक हो चुके हैंसिटी में 90 परसेंट के पास डिजिटल प्लेटफार्म से लैस हैंदो रुपए का सामान लेने के लिए भी ऑनलाइन करना पड़ता है.

अभिषेक विश्वकर्मा, कस्टमर

स्ट्रीट वेंडर अब काफी हाईटेक हो चुके हैंजमाने के साथ चलना सीख लिया हैइनके पास जाने पर कई तरह के एप दुकानों पर देखने को मिल जाते हैं.

अनिल विश्वकर्मा, असिस्टेंट रेडियोलाजिस्ट

स्ट्रीट व्यवसाइयों के लड़के भी काफी ट्रेंड हो चुके हैंपिता को अगर डिजिटल लेनदेन करने नहीं आता है तो उनके बेटे डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हैं.

मनीष शर्मा, कालीन डिजायनर

शहर में 90 परसेंट अधिक छोटे दुकानदार ऑनलाइन हो चुके हैंव्यवसाय को अगर आगे बढ़ाना है तो उन्हें इस सिस्टम को अपनाना ही पड़ेगा.

हर्षित चक्रवाल, बिजनेसमैन

आजकल की नयी पीढ़ी दो रुपए का सामान लेना होता है तो डिजिटल ही पेेमेंट करते हैंइसको देखते हुए हर दुकानदार आज की डेट में ऑनलाइन हो गया हैस्ट्रीट व्यवसाइयों का बिजनेस बहुत ही अच्छा चल रहा हैइन्होंने डिजिटल टेक्नालाजी को पूरी तरह से अपना लिया हैजमाने के साथ चलना सीख लिया है। 20 महीने में 2.50 करोड़ का डिजिटल लेनदेन कर रिकार्ड बना लिया है.

निधि वाजपेयी, डूडा परियोजना अधिकारी