वाराणसी (ब्यूरो)। धाम को आम लोगों के लिए खुलने से देशभर से श्रद्धालुओं को लगातार आने का सिलसिला जारी है। इसके चलते पं बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, साउथ इंडिया और पश्चिम में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाली यात्री ट्रेनों में लगातार एक हफ्ते की सीटें फुल हैैं। इनमें वाराणसी आने के लिए एक महीनों से अधिक का वेटिंग मिल रहा है।

इन ट्रेनों में सीट मिलना मुश्किल
महाराष्ट्र
फेस्टिवल स्पेशल-05017
एलटीटीए-पटना स्पेशल-02167
एलटीटी-जयनगर एक्सप्रेस
कामायनी (मुबंई से वाराणसी)

गुजरात
बेगमपुरा एक्सप्रेस-12238
लखनऊ राजधानी एक्सप्रेस- 14204

दिल्ली
दरभंगा राजधानी स्पेशल-02506
नई दिल्ली-बनारस स्पेशल-02824
हमसफर स्पेशल-03299


कोच्चि
ईआरएस-पटना एक्सप्रेस-16359
महाकाल एक्सप्रेस-20414
इंदौर-पटना सुपरफास्ट-09321

चेन्नई
हमसफर फेस्टिवल स्पेशल-03254
गंगा-कावेरी एक्सप्रेस-02669

यूपी
मौर्य एक्सप्रेस (गोरखपुर)- 15028
एफजेडआर फेस्टिवल-02322
महामना एक्सप्रेस-02218

मध्य प्रदेश
एलजेएन गरीब रथ - 12203
राज्यरानी- 22453
नर्मदा एक्सप्रेस-18233

राजस्थान
मरूधर एक्सप्रेस- 1904
कोटा फेस्टिवल सुपरफास्ट-02495
गरीब नवाज-18632
इनके अलावा जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, ओडिसा, कर्नाटक, आसाम, उत्तराखंड और हरियाणा समेत अधिकाश ट्रेनों में टिकट के लिए पैसेंजर्स को खासा इंतजार करना पड़ रहा है।

भव्य स्वरूप बना आकर्षण का केंद्र
काशी विश्वनाथ धाम के इनॉग्रेशन के बाद इसके भव्य स्वरूप को देखने के लिए देश के कई हिस्सों से पर्यटकों का आना बदस्तुर जारी है। बेहतरीन डिजाइन और आकर्षण स्थापत्य ने बनारस के पर्यटन उद्योग में जान फूंक दी है। साल 2021 के शुरुआत से जुलाई तक बामुश्किल से बनारस आने वाले सैलानियों की संख्या 2 से 2.05 लाख रही। सावन मास से पर्यटन को धीरे-धीरे रफ्तार मिलने लगी और काशी विश्वनाथ धाम के खुलने के बाद जबरदस्त इजाफा देखने को मिला। क्षेत्रीय पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में 8 लाख से अधिक श्रद्धालु और सैलानियों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई। साथ ही पूर्वांचल और बिहार के कई जनपदों से हजारों नागरिकों भी रोजाना दर्शन-पूजन करने आ रहे हैैं।

इनका भी बढ़ा पर्यटन
धार्मिक, आध्यात्मिक के साथ फारेस्ट और कलाकारी से जुड़ा पर्यटन को गति मिला है। काशी ही नहीं बल्कि पड़ोस के मिर्जापुर, चन्दौली, भदोही और सोनभद्र जैसे जिलों का पर्यटन फल-फूल रहा है। कोविड काल में हर तरह का नुकसान उठा रहे नागरिकों के रोजगार-व्यापार का संकट कम हुआ है। रोजाना वाराणसी आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

-जनवरी महीने में मात्र 20,698 पर्यटक
-अगस्त में 2,94,777 पर्यटक वाराणसी आए
-सितंबर में 2,41,646 पर्यटक
-अक्टूबर में 3,19,919 पर्यटक
-नवंबर में 3,25000 पर्यटक
-दिसंबर में अबतक 08 लाख से अधिक पर्यटक

छंटने लगे कोरोना के काले बादल
कोविड संक्रमण के चलते देश-दुनियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस वैश्विक संक्रमण के चलते शिक्षा, रोजगार, हेल्थ, रोजगार, पर्यटन और डेवलपमेंट वक्र्स समेत हर तरह की गतिविधियां प्रभावित हुईं। कोविड के असर के चलते प्रभावित या बीमार अवस्था में पड़ा बनारस का पर्यटन उद्योग पटरी पर लौट चुका है। शहर की अर्थव्यवस्था के जानकार बताते हैं कि अब घाट, नौकायान, पर्यटन, बनारसी साड़ी उद्योग, खुदरा कला और टेराकोट समेत कई इंडस्ट्री के संकट के बादल छंट जाएगा।


सावन माह से वाराणसी में पर्यटन को रफ्तार मिलनी शुरू हई। जो धीरे-धीरे बढ़ती रही। काशी विश्वनाथ धाम के शुभारंभ के बाद से पर्यटन जगत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला। नए साल पर काशी आने वाले सैलानी व श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी।
कीर्तिमान श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, वाराणसी

काशी विश्वनाथ धाम इनॉग्रेशन के बाद यात्री ट्रेनों पर लोड बढ़ा है। देश के कोने-कोने से आने-जानी वाली ट्रेनों में काफी वेटिंग देखी जा रही है। भारतीय पर्यटन के लिहाज से दिसंबर और जनवरी पर्यटन के लेकर ट्रेनों की बुकिंग फुल होती है।
आनंद मोहन, कैंट स्टेशन डायरेक्टर, वाराणसी