- मॉनसून के बाद बरसे बादलों ने पब्लिक की बढ़ा दी मुसीबतें, बच्चों ने किया एंजॉय तो बड़ों को झेलनी पड़ी परेशानी

- दुकानों में घुसा पानी, स्कूलों में जल्दी हो गई छुट्टी, जाम में फंसे रहे लोग

बुधवार की सुबह जब लोगों ने अखबारों में बनारस के स्मार्ट होने की खबर पढ़ी तो हर किसी का सीना चौड़ा हो गया। सबने सोचा कि चलो अब हम सब स्मार्ट होंगे। सड़कों पर चलना आसान होगा, कूड़े के ढेर से मुक्ति मिलेगी, जाम अब आम नहीं होगा लेकिन ये खुशी बस कुछ ही पल की थी क्योंकि जब लोगों ने अपने घरों से बाहर कदम रखा तो बरसात के बाद बढ़ी दुश्वारियों से लोगों को दो-चार होना पड़ा। हर कोई बरसात के चलते हुए जलभराव के कारण लगे जाम में फंसकर सिस्टम को कोसता रहा। हां, मौसम के खुशगवार होने के कारण लोगों को गर्मी और उमस से बड़ी राहत मिली लेकिन इस राहत के साथ आई आफत ने लोगों के गुड वेदर में भी पसीने जरूर छुड़ा दिए।

वेस्टर्न डिस्टर्बेस का रहा असर

पिछले कई दिनों से चल रही गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों की बुधवार सुबह जब आंखे खुली तो मौसम का बदला मिजाज देखकर हर कोई मस्त हो गया। छोटे बच्चे मौसम को देखकर फिर से बिस्तर में दुबक गए तो बड़े गर्मागर्म चाय संग सुबह के इस मस्त मौसम का मजा लेने के लिए बालकनी या छत पर चले गए लेकिन अचानक हुई बरसात ने सबका मूड जैसे ऑफ कर दिया। अचानक बदले मौसम के इस मिजाज के बारे में मौसम विज्ञानी प्रो एसएन पाण्डेय का कहना है कि कई दिनों से पड़ रही गर्मी और उमस को बुधवार की सुबह वेस्टर्न डिस्टर्बेस का साथ मिला और मौसम सुहाना हो गया। बंगाल की खाड़ी से उठ रही हवाओं के यहां तक आने और उमस के चलते बने लो प्रेशर ने झमाझम बारिश कराई।

ऐसे कैसे बनेंगे स्मार्ट

- मौसम के कूल होने से पब्लिक घरों में मस्त रही

- लेकिन ये मस्ती सड़क पर आते ही पस्त करने वाली हो गई

- क्योंकि शहर के लगभग हर इलाके में सड़के पानी में डूबी थीं

- ये हाल तब था जब मॉनसून के दौरान नाले नालियां साफ हुई थीं

- उस वक्त हुई सफाई के बाद ऑफ सीजन की बरसात ने सिस्टम के वर्क पर सवाल खड़ा कर दिया है

- ये सवाल खड़ा इसलिए भी होता है क्योंकि अब बनारस स्मार्ट होने वाला है

- केन्द्र सरकार ने बनारस को भी स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल कर लिया है

- इसके बाद भी इस तरह से बरसात के बाद हालात का बिगड़ना स्मार्ट बनने की राह में बड़ा रोड़ा है

पैचवर्क की भी बिगड़ी हालत

- बेमौसम हुई बरसात ने शहर की सड़कों को फिर से बदरंग कर दिया

- वजह डीएम के आदेश पर खराब सड़कों पर पैचवर्क हो रहा था

- कुछ सड़कें जिन पर पैचवर्क हुआ था वो फिर से चौपट हो गई

- जबकि जिन सड़कों पर पैचवर्क होना था वहां पानी लगने से काम रुक गया

- इस वजह से सड़कों का हाल फिर से बेहाल हो गया

बारिश है गुड लेकिन हवा नहीं अच्छी

बुधवार को हुई बरसात के बाद किसानों के चेहरे जरूर खिल गए हैं क्योंकि इस बरसात ने धान की फसल को संजीवनी दे दी है। हालांकि तेज बरसात ने फसल को नुकसान भी पहुंचाया है और कई जगहों पर खड़ी फसल लोट गई है। सबसे ज्यादा मुसीबत किसानों को पशुओं के लिए बोये गए हरे चारे के लिए हो गई जो हवा के चलते जमीन से चिपक गई है। वहीं सब्जियों को भी आंशिक नुकसान हुआ है।

ये अच्छी बात नहीं है सिर्फ स्मार्ट बनाने की घोषणा तो हो गई लेकिन क्या सच में ये होगा क्योंकि प्रशासन की लापरवाही शहर के विकास में बड़ा रोड़ा है।

कौशल राय, महमूरगंज

शहर में ऐसी बहुत सी दिक्कते हैं जिनको दूर किए बगैर हम स्मार्ट बन ही नहीं सकते। कुछ घंटे की बरसात ने पूरे सिस्टम को चैलेंज दे दिया। इसके बाद भी हालात सुधर जाये तो कहिए।

राजू गोगिया, सिगरा

भेलूपुर से लेकर कमच्छा तक हर सीवर बुधवार को बारिश के बाद ओवरफ्लो था। ये हाल तब था तब मॉनसून से पहले इनकी सफाई हुई थी। इसके बाद भी सीवरों का ओवरफ्लो होना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

विक्रम यादव, भेलूपुर