- जेल मंत्री ने जेल पहुंचकर बंदियों से की मुलाकात, बवाल के पीछे की वजह तलाशने की कोशिश

- जेल मंत्री ने माना, प्री प्लांड था बवाल, क्यों नहीं लगी भनक? इसकी होगी जांच

- एसीएम के पास एक माह रहेगा चार्ज, बड़े पैमाने पर तबादलों का दिया संकेत

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प्रदेश के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने ये माना है कि जिला जेल में हुआ बवाल अचानक से नहीं हुआ है बल्कि इसके लिए कई दिन पहले से तैयारी चल रही थी लेकिन इसकी भनक जेल में निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को क्यों नहीं लगी और क्यों फेल हुआ जेल महकमा? इसकी गंभीरता से जांच होगी। जेल मंत्री ने ये भी स्वीकार किया कि जेल में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता, पानी व चिकित्सा सुविधा के अभाव ने बंदियों को उग्र जरूर किया। जिसके कारण ये सब कुछ हुआ। उनका कहना था कि इन सबके बाद जेलकर्मियों का व्यवहार भी कम जिम्मेदार नहीं है। हालांकि मंत्री ने किसी जेलकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की बात फौरी तौर पर नहीं की लेकिन कहा जांच कर दो तीन दिन में कार्रवाई कर दी जाएगी।

सुलग रही थी चिंगारी

जेल मंत्री का कहना था कि जेल में बवाल अचानक हुई किसी घटना का परिणाम नहीं था बल्कि लंबे समय से असंतोष की आग सुलग रही थी। वहां मुलाकात से लेकर दूसरे कामों के लिए हो रही उगाही, जेल अधिकारियों और कर्मियों के बीच गोलबंदी तथा कैदियों के बीच भेदभाव हो रहा था। सोमवार को जेल की निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बातचीत में कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने कहा कि यहां के हालात को देखते हुए एक माह तक अधीक्षक का प्रभार एसीएम (चतुर्थ) को सौंपा गया है। इसके साथ उन्होंने बड़े पैमाने पर अधिकारियों से लेकर बंदीरक्षकों के तबादले का संकेत दिया है। उनका कहना था कि काफी कुछ सामने आया है लेकिन इसकी जांच कराने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

छोटी छोटी बातों से थे नाराज

जेलमंत्री का कहना था कि जेल में पिछले कुछ समय से हालात सामान्य नहीं थे। खुफिया विभाग की निगरानी में होने वाली मुलाकात से लेकर खाने की गुणवत्ता से कैदियों में नाराजगी थी। निरीक्षण के दौरान यह भी पता चला कि पानी की सप्लाई तक सही नहीं थी। मुलाकात के नाम पर जमकर उगाही की जाती थी और जेलकर्मी इससे अपनी जेब भर रहे थे। जेल की अंदरूनी व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग माने जाने वाले नंबरदारों की भूमिका सही नहीं थी। इससे कैदी नाराज चल रहे थे और किसी बात को लेकर उनका आक्रोश भड़कना ही था।

बैरकों में जाकर की मुलाकात

सोमवार को मंत्री जेल में पहुंचे तो वहां के अधिकारियों ने पेशकश की थी कि सभी बैरकों से कुछ बंदियों को बुला लेते हैं लेकिन हर बैरक में जाकर मुलाकात करने का फैसला लिया गया। सपा के स्थानीय नेता भी साथ में थे। सभी से मिलने के बाद जो तस्वीर सामने आई उसमें कुछ की भूमिका सही नहीं रही है। स्थिति सामान्य करने की खातिर जेल का चार्ज एक माह के लिए एसीएम को सौंपा गया है जो अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। अधीक्षक से लेकर दूसरे भी इनके अधीन रहेंगे। भोजन की गुणवत्ता में सुधार का आदेश दिया गया और जेल विजिटर्स इस पर नजर रखेंगे। जिनकी भूमिका सही नहीं रहेगी उन पर तबादला से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी। जेलमंत्री के साथ श्रम आयोग के अध्यक्ष शतरुद्र प्रकाश, सपा जिलाध्यक्ष सतीश फौजी, महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, विधानसभा प्रत्याशी हाजी समद अंसारी, रीबू श्रीवास्तव, अशफाक डब्लू, जेल एसोसिएशन के नवनियुक्त महामंत्री प्रमोद यादव, प्रेसीडेंट हर्षिता मिश्रा, संयुक्त मंत्री मनोज सिंह आदि मौजूद थे।