सरकारी हॉस्पिटल में लग रही है मरीजों की लाइन, पर वहां है सुविधाओं का अभाव

डायरिया से लेकर स्किन इन्फेक्शन तक के आ रहे हैं मरीज

VARANASI:

सूरज की तल्खी क्या बढ़ी हर घर में बीमारी ने पांव पसार दिये। तकरीबन हर घर में कोई न कोई बीमार है। किसी को लूज मोशन हो रहा है तो कोई हाई फीवर से परेशान है। सनबर्न जैसे स्किन प्रॉब्लम से पीडि़त पेशेंट्स की संख्या में भी जोरदार इजाफा हुआ है। प्राइवेट क्लिनिक से सरकारी हॉस्पिटल तक डायरिया, लू, फीवर आदि के पेशेंट्स की भारी भीड़ जमा हो रही है।

स्किन भी कर रहा है परेशान

मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा के सीनियर स्किन कंसल्टेंट डॉ अरविंद सिंह बताते हैं कि इन दिनों पेशेंट्स शरीर के खुले भागों जैसे चेहरे, हाथ, गले आदि में लाल दाने और चकत्ते की शिकायत कर रहे है। इनमें खुजली भी होती है और कभी कभी जलन भी। कुछ दिन बात यही लाल दाने काले पड़ जाते हैं। डॉ सिंह बताते हैं कि हमारे स्किन की यह विशेषता है कि धूप में हमारे स्किन के कुछ सेल मर जाते हैं और छांव में आने पर इनकी रिपेयरिंग हो जाती है। लेकिन जब इन दोनों कामों के होने में अंतर आ जाता हो तो हमें सनबर्न के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। एंटी एलर्जी ड्रग और स्टेरॉयड के जरिये इसे होने में 7-क्0 दिन तक समय लग जाता है। डॉ सिंह बताते हैं कि धूप से बचाव ही सनबर्न का प्रभावी इलाज है। सन स्क्रीन लोशन के जरिये सनबर्न की परेशानी को बहुत हद तक रोका जा सकता है।

बचाव में है सुरक्षा

-जहां तक संभव हो धूप से बचें

-पूरी बांह के कपड़े पहन कर घरों से निकलें

-घर से भरपेट पानी पीकर ही निकलें

-बासी भोजन के इस्तेमाल से पूरी तरह परहेज बरतें

-बच्चों को लूज मोशन होने पर तुरंत ओआरएस का घोल पिलायें।

-लू या धूप लग जाने पर पेशेंट के सिर को ठंडे पानी से धोयें

-गर्मी के दिनों में हमेशा शरीर को ढक कर बाहर निकलें

-पुरुष फुल स्लीव की शर्ट पहनें व कैप लगायें

- महिलाएं भी चेहरे और हाथ को पूरी तरह ढक कर बाहर निकलें

-सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल सनबर्न की समस्या को बहुत कम कर देता है

-स्किन में जलन होने या लाल दाने होने पर डॉक्टर से बिना पूछे कुछ भी न लगायें

जैसा सीनियर कंसल्टेंट डॉ पीसी शर्मा ने बताया।