बीएचयू में 'मालवीय रिसर्च सेंटर फॉर गंगा रीवर डेवलपमेंट एण्ड वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट' शुरू करने की तैयारी

सेंटर के लिए तीन सौ करोड़ का है प्रस्ताव, बीएचयू के 20 डिपार्टमेंट मिलकर बनायेंगे सेंटर

VARANASI

बीएचयू ने 'मालवीय रिसर्च सेंटर फॉर गंगा रीवर डेवलपमेंट एण्ड वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट' के स्थापना की कवायद शुरू की है। वीसी की पहल पर शुरू किये जा रहे सेंटर के लिए वर्किंग गु्रप का भी गठन कर दिया गया है। खास यह कि बीएचयू के भ् फैकल्टी और चार इंस्टीट्यूट्स के ख्0 डिपार्टमेंट के एक्सप‌र्ट्स के सहयोग से सेंटर का निर्माण किया जायेगा। इन डिपार्टमेंट्स में बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, इन्वायरमेंटल लॉ, इकोनॉमिक्स, एग्रो बिजनेस, बॉटनी, जुलॉजी, मैनेजमेंट, धर्म विज्ञान, सोशियोलॉजी, टूरिज्म, स्टैटीस्टिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, केमेस्ट्री, जियोग्राफी, जियोलॉजी, इंफारमेशन टेक्नोलॉजी, मेडिकल साइंस, इन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग व इन्वायर्नमेंटल साइंस डिपार्टमेंट शामिल है।

तीन सौ करोड़ खर्च का अनुमान

बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रो बीडी त्रिपाठी को सेंटर की स्थापना के लिए गठित वर्किंग ग्रुप का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। सोशल साइंस फैकल्टी के प्रो एके जोशी, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के प्रो रमेश चंद्र, बॉयोकेमिकल इंजीनियरिंग के डॉ प्रदीप श्रीवास्तव व जॉएंट रजिस्ट्रार डेवलमेंट बीएचयू को मेंबर बनाया गया है। सेंटर की स्थापना के लिए तीन सौ करोड़ रुपये का प्रपोजल तैयार किया है। सेंटर का उद्देश्य न सिर्फ गंगा के पुरातन स्वरूप को वापस लाना होगा बल्कि वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए पानी के प्रबंधन व नदियों के विकास पर रिसर्च भ्ाी होगा।

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट्स से लेंगे सहयोग

सेंटर में यूनिवर्सिटी लेवल पर रिसर्च किये जायेंगे। उसके बाद इसे वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम कर रही नेशनल और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट्स को भी सेंटर से जोड़ा जायेगा। सेंटर के तहत एक लेबोरेटरी, मोबाइल लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब और वाटर सैंपलिंग के लिए मोटर बोट आदि की व्यवस्था होगी।