-बीएचयू की छवि बन रही हंगामा यूनिवर्सिटी की, पढ़ाई धरना-प्रदर्शन हो रहा ज्यादा

-उठी मांग कोई लौटा दे मालवीय की पुरानी बगिया

- पूरे माह आंदोलन से प्रभावित रही बीएचयू की शिक्षा व्यवस्था

महामना पं। मदन मोहन मालवीय की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय जिसकी प्रतिष्ठा पूरी दुनिया में है उसकी पहचान हंगामा यूनिवर्सिटी के रूप में होने लगी है। यह धरना-प्रदर्शन का केन्द्र बनती जा रही है। यहां मारपीट-तोड़फोड़ और हड़ताल आम बात हो गयी है। पिछले महीनों की बात छोड़ दें तो नवंबर की शुरूआत एसएस हॉस्पिटल के जूनियर रेजिडेंट्स के हड़ताल से हुई। धरना, प्रर्दशन और आंदोलन अब तक जारी है। बीएचयू की हालत और छवि से पुरातन छात्र काफी निराश हैं। उनका कहना है कि जिस वक्त वो यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे तब सिर्फ पढ़ाई की बात होती थी। छात्र हितों पर विरोध और प्रदर्शन होता तो जरूर था लेकिन उसमें शालीनता होती थी। वो मानते हैं कि अब यहां ऐसे किसी शासक की जरूरत है, जो मालवीय जी की बगिया की वो खुशहाली लौटा दे।

पढ़ाई-लिखाई ठप

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति के विरोध में 15 दिन तक छात्रों का धरना-प्रदर्शन हुआ। हालांकि अब भले ही धरना समाप्त हो गया है, लेकिन छात्रों का आंदोलन जारी होने से पढ़ाई-लिखाई अभी ठप पड़ा है। अभी फिरोज का मामला ठंडा भी नहंी हुआ कि बीएचयू के नर्सिग महाविद्यालय की छात्राएं सोमवार को सड़क पर उतर गईं। नर्सिग क्लास के साथ बीएचयू अस्पताल में भी सेवाएं देने पर स्टूडेंट्स ने क्लास का बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन किया। वहीं बीएससी नर्सिंग प्रथम व द्वितीय वर्ष की साठ छात्राओं ने हास्टल की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया।

सेमेस्टर परीक्षाओं पर भी संकट

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों ने फिरोज की नियुक्ति के विरोध में बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर बाबा विश्वनाथ से इस प्रकरण में न्याय दिलाने की गुहार लगाई। आंदोलनरत छात्रों ने इसके पहले रुइया हॉस्टल के पास खेल मैदान में सभा करके आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। छात्रों के विरोध को देखते हुए दो दिसंबर से होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं पर भी संकट के बादल दिख रहे हैं। बीएचयू प्रशासन दो दिसंबर से पहले इस मामले को पटाक्षेप करने में जुटा है ताकि परीक्षाओं को कराया जा सके।

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बवाल दर बवाल

पिटाई के विरोध में हड़ताल

-बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में जूनियर रेजिडेंट्स की पिटाई के बाद चिकित्सक एक सप्ताह तक हड़ताल पर रहे।

-पिटाई के विरोध में धरना

कुछ दिनों पहले एलबीएस के कुछ छात्रों ने भाभा हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीट दिया। नाराज भाभा के छात्रों ने धरना दिया। इस मामले में 15 के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई।

-सावरकर की फोटो पर स्याही

राजनीति विज्ञान विभाग के कमरा नंबर 103 में लगी वीर सावरकर की फोटों पर अराजक तत्वों ने स्याही फेंक दी। जिसके बाद छात्रों ने जमकर बवाल काटा था।

-छात्रों ने काटा बवाल

विवि के इतिहास विभाग के नए पाठ्यक्रम से वैदिक काल, रामायण, महाभारत अध्याय को हटाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने जमकर बवाल काटा और पठन-पाठन प्रभावित किया।

-छात्र गुटों में मारपीट

जेएनयू छात्रों के समर्थन में ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से विवि परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर से छात्रों ने मार्च निकाला। कला संकाय पहुंचने पर एबीवीपी के सदस्यों ने इसका विरोध किया। इस दौरान दोनों छात्र गुटों में झड़प भी हुई।

-बीएएलएलबी के स्टूडेंट्स का धरना

एलएलबी के बराबर फीस करने व अन्य सुविधाओं को लेकर बीएएलएलबी के छात्रों ने विधि संकाय में धरना शुरू किया। वहीं 20 नवंबर को एलएलबी के छात्र भी अपनी मांग को लेकर विधि संकाय में ही धरने पर बैठ गए।

-नर्सिग के छात्रों का धरना

एक साल से हॉस्टल आवंटित न होने से नाराज नर्सिग महाविद्यालय के छात्रों धरना दिया। आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त हुआ।

-छात्रों ने दिया धरना

पत्रकारिता विभाग के स्टूडेंट्स हॉस्टल से निकाले जाने का आरोप लगाते हुए विभाग के सामने धरने पर बैठ गया।

-सिर्फ आश्वासन पर धरना

हॉस्टल के बजाए सिर्फ आश्वासन मिलने से थक चुके नर्सिग स्टूडेंट्स दोबारा से धरने पर बैठ गए। किसी तरह हॉस्टल उपलब्ध कराने के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ।

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-क्या कहते है पुराने छात्र

एक वक्त था जब बीएचयू में पढ़ना शान की बात होती थी। जिस वक्त हम लोग पढ़ते थे उस समय गाली-गलौच तक नहीं होती थी, लेकिन आज बीएचयू की इस स्थिति को देखकर अफसोस होता है।

महेश सिंह, पूर्व छात्र, बीएचयू

बीएचयू में अब पहले जैसा कुछ नहीं रहा। आए दिन मारपीट और धरना प्रदर्शन की खबरें देखकर ऐसा लगता है जैसे यह धरना का केन्द्र बन चुका है। ऐसा ही रहा तो पढ़ने वाले बच्चे यहां के बजाए दूसरा ऑप्शन देखेंगे।

राकेश सिंह, पूर्व छात्र बीएचयू