दो दिवसीय हड़ताल पर गए बीएचयू एसएस हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर के जूनियर रेजिडेंट्स

-देर शाम निकाला कैंडल मार्च

बीएचयू एसएस हॉस्पिटल में जूनियर रेजिडेंट के साथ मरीज के तमीरदारों द्वारा मारपीट के बाद सोमवार को जूनियर रेजिडेंट्स दो दिनी हड़ताल पर चले गए। इसमें ट्रामा सेंटर के डॉक्टर्स भी शामिल रहे। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल के कारण जहां ओपीडी में समय से पहले रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया। वहीं दूर-दराज से आए कई मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा। ओपीडी में डाक्टर्स के न बैठने के कारण दोपहर 12.30 बजे तक ही रजिस्ट्रेशन हो सका। जबकि सामान्य दिनों में दोपहर तीन बजे तक पंजीयन व शाम पांच बजे तक ओपीडी संचालित होती है। सुबह नौ बजे से खुले ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर दोपहर होते-होते सन्नाटा छा गया। जूनियर रेजिडेंट्स ने देर शाम कैंडिल मार्च निकाला।

भीड़ से घबराए सीनियर

जूनियर रेजिडेंट्स के हड़ताल में जाने के बाद ओपीडी में कुछ वरिष्ठ चिकित्सकों मरीजों को देखा। मरीजों की भीड़ का दबाव अधिक होने के कारण वह भी हर मरीज को देखने में असमर्थ साबित हो रहे थे। हॉस्पिटल के चेस्ट ओपीडी में 122, आंकोलॉजी में 55, जनरल सर्जरी में 200 व मेडिसिन में 140 मरीजों ने दोपहर तक पंजीयन कराया। जबकि अन्य मरीजों को वापस भेज दिया गया। वहीं सीनियर डॉक्टर को दिखाने में असफल मरीजों ने या तो प्राइवेट अस्पतालों का रुख किया या फिर घरों को लौट गए। हालांकि पहले दिन बीएचयू इमरजेंसी, आइसीयू, लेबर रूम आदि की सेवाएं बहाल रहीं, जिस कारण इमरजेंसी के मरीजों को भर्ती किया गया।

आरोपियों के खिलाफ मुकदमा

रविवार को बीएचयू अस्पताल परिसर स्थित सीसीयू लैब में एक मरीज के तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टर के साथ दु‌र्व्यवहार करते हुए मारपीट की थी। डॉक्टर ने लंका थाने में मारपीट करने वाले पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। सोमवार को जूनियर रेजिडेंट्स आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए।

सेवेंथ पे की मांग

दो दिनी हड़ताल पर गए जूनियर रेजिडेंट्स ने सुरक्षा के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कराने की भी मांग की है। जूनियर रेजिडेंट्स मंगलवार तक के लिए हड़ताल पर रहेंगे। मागों पर ठोस निर्णय न होने की दशा में हड़ताल और भी लंबी खिंच सकती है। ऐसे में बनारस ही नहीं पूर्वाचल, बिहार व अन्य प्रदेशों से आने वाले मरीजों की दुश्वारियां बढ़ना तय है।

एक साल में चार बार हड़ताल

-बीएचयू एसएस हॉस्पिटल में एक साल में यह चौथी बार रेजिडेंट्स हड़ताल पर रहे।

-24 सितंबर 2018 को मारपीट की घटना के बाद रेजिडेंट सुरक्षा का हवाला देते हुए करीब एक सप्ताह तक हड़ताल जारी रखा था।

-कोलकाता की घटना के विरोध में रेजिडेंट 14 व 17 जून 2019 को हड़ताल पर थे।

-23 जुलाई को सातवें वेतन आयोग की सिफारशें लागू कराने की मांग को लेकर उनका दो दिवसीय हड़ताल शुरू हुआ था।