-दर्जनभर से अधिक अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉलेशन का काम लगभग पूरा

-जिले में 22 ऑक्सीजन प्लांट तैयार, 31 का है लक्ष्य

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सरकारी अस्पतालों में जुलाई में लग जाएंगे 31 ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग सबसे ज्यादा रही। इस वक्त अस्पतालों में अगर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध होता तो शायद मौत का तांडव न मचा होता। इधर, अब तीसरे लहर की भी सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। ऐसे में सबक लेते हुए जिला प्रशासन तीसरी लहर को लेकर कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि इस लहर के आने से पहले यहां के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। ताकि अगर तीसरी लहर आती भी है तो पीडि़तों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सकें।

22 अस्पतालों में लग चुके है प्लांट

स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर के मद्देनजर बेड से लेकर तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने का कार्य कर रही है। वहीं जिला प्रशासन ऑक्सीजन व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी हुई है। जिले के सरकारी अस्पतालों में कुल 31 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव है। इसमें शहर से लेकर गांव तक के 22 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। दर्जनभर से अधिक अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए भी जा चुके हैं, बाकी बचे अस्पतालों में प्लांट लगाने का काम जारी है।

सिटी के हर अस्पताल में लगा है प्लांट

अधिकारियों के मुताबिक जुलाई के अंत तक सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम को पूरा कर लिया जाएगा। बनारस सिटी के अस्पतालों में सबसे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में शहर के उद्योगपति आरके चौधरी के सहयोग के ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया। उसके बाद लालबहादुर शास्त्री अस्पताल रामनगर, पांडेयपुर स्थित ईएसआईसी अस्पताल, चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय व चिकित्सालय, कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में प्लांट लगाने का काम पूरा किया गया।

सीएसआर फंड से लग रहे प्लांट

अधिकारियों के मुताबिक बनारस में प्रस्तावित 31 ऑक्सीजन प्लांट को लगाने का काम जारी है। अलग-अलग कंपनियों से सीएसआर फंड से ये ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध कराए गए हैं। वही शहरी क्षेत्र के अस्पतालों की ऑक्सीजन सप्लाई की क्षमता इन प्लांट से बढ़ाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इन ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य कराया जा रहा है। जिससे वहां के मरीजों को ऑक्सीजन के लिए शहरी अस्पतालों पर निर्भर न रहना पड़े।

ताकि तीसरी लहर में न हो किल्लत

स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो दूसरी लहर में जिस तरह से ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ा, वैसी स्थिति दोबारा न बने, इसको ध्यान में रखकर सब व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ऑक्सीजन प्लांट लग जाने के बाद अब संभावित तीसरी लहर में हॉस्पिटल से लेकर मरीजों व उनके परिजनों को ऐसी परेशानी नहीं होगी। युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर अस्पतालों में प्लांट लगाए जा रहे हैं।

:: कोट :::

प्रस्तावित 31 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम जारी है। अलग-अलग कंपनियों से सीएसआर फंड से ये ऑक्सिजन प्लांट उपलब्ध कराए गए हैं। शहरी क्षेत्र के अस्पतालों की ऑक्सीजन सप्लाई की क्षमता भी इन प्लांट से बढ़ाई गई है। जुलाई के अंत तक सभी प्लांट तैयार हो जाएंगे।

-कौशल राज शर्मा, डीएम