-फरवरी में पेश होने वाले आम बजट को लेकर निवेशकों में भी जगी आस, हर कोई चाहता है हो बदलाव

-ताकि कुछ पैसों को डिफरेंट प्लान में कर सकें इनवेस्ट

जीएसटी के बाद पहली बार पेश होने वाले आम बजट पर हर कोई टकटकी लगाए हुए है। खास कर निवेशकों को और भी बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि पिछले कई बजट से उन्हें झुनझुना ही थमाया जा रहा है। बढ़ती महंगाई में लोग किसी तरह अपना जीवन यापन कर पा रहे हैं। यही वजह है कि उनके पास बचत करने का मौका ही नहीं मिला पा रहा है। लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि टैक्स से कुछ राहत मिले ताकि कुछ पैसों को डिफरेंट प्लान में इनवेस्ट किया जा सके। जिससे फ्यूचर में राहत मिल सके।

पांच लाख हो टैक्स में छूट की सीमा

वर्तमान इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए तक है। आम पब्लिक की डिमांड है कि इसे बढ़ाकर पांच लाख किया जाए। टैक्सपेयर आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीई के अनुसार हर साल 1.5 लाख रुपए तक टैक्स कटौती का लाभ उठाया जा सकता है। इसे बढ़ाकर दो से तीन लाख रुपए किया जाना चाहिए। इससे टैक्स भरने वालों के हाथ में पैसे अधिक आने से वह इसका उपयोग अन्य लिक्विड एसेट्स में करने के बजाय फाइनेंशियल एसेट्स में निवेश कर सकेंगे।

पेंशनर्स को भी जगी है आस

पब्लिक का मानना है कि म्यूच्युअल फंड्स में गवर्नमेंट का अधिक रोल नहीं होता और यह प्राइवेट सेक्टर द्वारा गवर्न होता है। ऐसे में सरकार इसमें अधिक लाभ दे सकती है। इसी तरह लोगों ने फिक्स्ड डिपाजिट रिटर्न को सुरक्षित बचत का विकल्प माना है। हाल ही में एफडी की दरों में आई गिरावट के कारण वास्तविक रिटर्न कम हो गया है। पेंशनभोगियों और कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों की रक्षा करने के लिए एफडी रिटर्न को डेब्ट म्यूच्युअल फंड्स के समकक्ष लाने की मांग लोगों ने की है।

जीएसटी व नोटबंदी के बाद व्यापारियों को निवेश करने का रास्ता नहीं दिख रहा। टैक्स स्लैब में राहत दी जानी चाहिए। खासकर सरकार को व्यापारियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

प्रतीक गुप्ता, व्यापारी

महंगाई के इस दौर में लोगों का खर्च बढ़ गया है और ऐसे में ढाई लाख तक छूट की सीमा ठीक नहीं है। निवेश के लिए इसे पांच लाख कर देना चाहिए।

-विशाल दुबे, बिजनेसमैन

मलदहिया

सरकार को इस बजट में महिलाओं को टैक्स स्लैब में अधिक छूट देनी चाहिए। जितनी अधिक छूट मिलेगी, उतना अधिक बचत का दायरा बढ़ेगा।

रामेश्वरी, टीचर

छोटे निवेशकों के बारे में इस बार सरकार को सोचना चाहिए। बड़े निवेशकों को तो सरकार पहले से ही कई छुट दे रखी है।

अंकुर सिंह, बिजनेसमैन