वाराणसी (ब्यूरो)बनारस को हरा-भरा और पॉल्यूशन फ्री रखने की मुहिम कमोबेश फेल हो गई हैवाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए), नगर निगम और सिंचाई विभाग द्वारा कंबाइंड रूप से वरूणा कॉरिडोर के तहत लगाए गए साठ फीसदी से अधिक पौधे सूख गए हैैंइंतहा तो तब हो गई जब सूखे पौधों की जड़ों में विभागीय कर्मचारी पानी डालकर अपने जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लेते हैैंडेढ़ से दो किमी एरिया में वरूणा कॉरिडोर के नार्थ किनारों पर लगाए गए लगभग 300 में 200 से अधिक पौधे दम तोड़ चुके हैैंनगर निगम के अधिकारी के मुताबिक इस मसले पर हाल ही में बैठक कर दोबारा पौधे लगाने का विचार किया गया हैलेकिन, सवाल यह उठता है कि जब रुपए खर्च कर पौधे लगाए गए तो उचित मरम्मत और देखभाल क्यों नहीं की गईजब इसी प्रकार की लापरवाही चलती रही तो क्या गारंटी है कि दोबारा पौधे के लगाने पर ये नहीं सूखेंगे?

पॉल्यूशन में बनारस कर गया टॉप

बनारस में वैसे भी पेड़-पौधे की संख्या महज गिनती की रह गई हैलिहाजा, पॉल्यूशन की मार से शहर की पब्लिक परेशान है। 22 जनवरी 2022 को शहर में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढऩे से बनारस देश भर के टॉप टेन प्रदूषित शहरों में पांचवें नंबर पर रहाप्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के नौ शहर नानपारा, सीतापुर, घाटमपुर, उन्नाव, वाराणसी, कानपुर, दरौला, मुजफ्फरनगर और अकबरपुर शामिल हैंआईक्यू एयर की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 दर्ज किया गया था

कागज में रोपाई, सूखे पौधों को पानी

सूत्रों के मुताबिक लाखों रुपए खर्च कर कुछ जमीन पर कुछ कागज पर पौधरोपण अभियान चलाया गयाबीते एक साल में कई लाखों की संख्या में पौधे लगाए गए और इनमें आधे से अधिक दम तोड़ चुके हैैंदेखरेख के अभाव में कुछ पौधों का अता पता ही नहीं हैपिछले साल वन विभाग ने 10 लाख पौधे लगवाएइनमें से कितने सूख गए इसकी जानकारी संबंधित विभाग को नहीं हैएक अधिकारी ने बताया कि जितने पौधे लगाए जाते हैंइनमें दस प्रतिशत पौधे सूख जाते हैंलेकिन यहां तो साठ फीसदी पौधे मर चुके हैैंसाथ कुछ जानवर चर गएपिछले साल लगाए गए पौधे की स्थिति का सर्वे कराया जा रहा हैअमले को रिपोर्ट इंतजार है

शहर को प्रदूषण मुक्त और हरा-भरा रखना हमारी प्राथमिकता हैवरूणा कॉरिडोर में लगाए गए पौधों की स्थिति पर हाल ही में संबंधित विभागों के साथ बैठक की गई हैइस बैठक में पौधों की देखभाल और पानी डालने की जिम्मेदार सिंचाई विभाग को दी गई गई हैजल्द कार्य योजना बनाकर कॉरिडोर हरा-भरा करने का प्रयास किया जाएगा.

दुष्यंत मौर्य, अपर आयुक्त, नगर निगम, वाराणसी