एसेंबली इलेक्शन का शंखनाद होते ही हर तरफ चुनाव की चर्चा होने लगी है। चाय की अड़ी हो या पान की दुकान हर तरफ कैंडीडेट, क्षेत्र और पार्टी को लेकर लोग बात करने लगे हैं। चर्चा में तो बस सबकी सरकार बन रही है। इसके बीच आई नेक्स्ट टीम पहुंची कैंट विधानसभा के सबसे हॉट प्लेस जवाहर मार्केट की अड़ी पर। जहां कन्हैया के चाय की दुकान पर कैंट विधानसभा से जुटे लोग अपने-अपने अंदाज में वर्तमान परिदृश्य की वकालत करने में जुटे थे।

जवाहर मार्केट के कन्हैया चाय वाले की दुकान पर हर दिन की तरह ऑफिसेस व यूनिवर्सिटी से फ्री होकर लोगों के पहुंचने का क्रम सोमवार की शाम शुरु हो गया था। देखते ही देखते पहुंचे लोगों के चलते लगी भीड़ के बीच चुनाव पर गर्मा गरम चर्चा शुरु हो गयी। थोड़ी देर में चाय का कुल्हड़ हाथ में आते ही चर्चा को पंख लग गए। कैंट विधानसभा के मुद्दे, यहां चुनाव के लिए ताल ठोक रहे नेताओं व पार्टियों पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बस इतना कहा कि कोई धुरंधर ही चुनाव जीत सकता है। बस इसके बाद तो चर्चा में शामिल लोग अपनी बात कहने को उतावले हो गए।

-गरम चाय का कुल्हड़ हाथ से छूटने की चिंता किए बगैर डॉ। रमेश कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव यदि पब्लिक की अपेक्षाओं पर खरी उतरतीं तो किसी धुरंधर की आवश्यकता ही नहीं होती। अब तो लोग पिछले चुनाव में हुई गलती को कोस रहे हैं।

-बात पूरी होती तब तक कुल्हड़ मुंह से लगाए हर्ष पांडेय चर्चा के बीच में कूद पड़े और कहा कि वर्तमान विधायक को तो विरासत का फायदा मिला। यहां तो कोई युवा और ईमानदार ही चुनाव जीत सकता है। जो इस विधानसभा की तकदीर बदल सके।

-इतना सुनते ही चाय की चुस्की लेते हुए शिव कुमार ने कहा कि पुराने लोग अब नहीं चल पाएंगे। बिना युवा के आए इस विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी का बेड़ा पार नहीं होगा।

-एक और चाय का ऑर्डर देते हुए डॉ। संदीप सिंह ने कहा कि कैंट विधानसभा बुद्धिजीवियों का है। यहां लोगों को इस बार भरमाना आसान नहीं होगा। घिसे पिटे और लोगों के बीच में नहीं रहने वाले नहीं चलेंगे। गुरु इस बार यहां परिवार वाद भी नहीं चलेगा।

-इनको रोकते हुए डीपी राय ने कहा कि देखिये कैंट विधानसभा की पब्लिक जाति धर्म के नाम पर वोट मांगने वालों की बजाए मजे हुए खिलाड़ी और विकास का विश्वास दिलाने वाले को ही वोट करेगी। बहुत हो चुका विकास का नारा देने वालों का खेल। अब सब समझ गए हैं।

टी प्वाइंट

बड़े ध्यान से चाय पर चर्चा कर रहे लोगों को सुन रहे कन्हैया ने धीरे से चुटकी ली कि भईया कौन सरकार पब्लिक के बारे में सोचत हौ। सब त आपन आपन झोली भरे में मस्त हउन। अच्छा होइ कि जो सरकार और विधायक चुना जाए वो पब्लिक के बारे में सोचे और अपने क्षेत्र का विकास करे। कम से कम कैंट विधानसभा में तो ऐसा ही होना चाहिए।

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हमलोग चर्चा तो बहुत करते हैं लेकिन जब वोट देना होता है तो जाति धर्म के नाम पर बंट जाते हैं। यह जब तक बंद नहीं होगा तब तक यही चलता रहेगा। सही कैंडीडेट जब चुनकर जाएगा तो वह पब्लिक की आकांक्षाओं को पूरा कर सकेगा।

कन्हैया सेठ, चाय वाला

जो सही नहीं होगा उसे बदलने में कोई बुराई नहीं है। किसी बहकावे की बजाए आजमाए हुए ईमानदार, कर्मठ और पब्लिक के बीच में रहने वाले को चुना जाएगा। इसबार कैंट विधानसभा में चेंज को पब्लिक महसूस करने लगी है।

ओमप्रकाश पांडेय, खोजवां

कैंट विधानसभा की सीट कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है कि लोग पयर्टन करें और चल दें। यहां गंभीर और मजे हुए कैंडीडेट की आवश्यकता है। ऐसा ही कैंडीडेट इस बार विधानसभा में पहुंच पाएगा। पब्लिक पूरा मूड बनाकर इंतजार कर रही है।

विश्वनाथ कुंवर, लहरतारा

जब तक पूरे कैंडीडेट नहीं आ जाते तब तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता। अभी तो बसपा ने ही अपने पत्ते खोले हैं। बाकि पार्टियां तो शांत हैं। खासकर राष्ट्रीय पार्टियां जब तक अपने कैंडीडेट नहीं उतार देतीं तब तक कुछ बोलना जल्दबाजी होगा।

सतीश पांडेय, अन्नपूर्णा नगर

इस विधानसभा में स्थानीय मुद्दों की कमी नहीं है। इसलिए लोकल मुद्दों को ही तवज्जो मिलेगी। रही बात नेशनल और स्टेट की तो ये सेकेंड्री रहेंगे। केवल बड़ी बड़ी बात करने वालों को इस बार मौका नहीं मिलने वाला। अच्छा होगा कि डींग हांकने वाले कैंडीडेट बनने से दूर रहे हैं।

डॉ। प्रभाशंकर मिश्र, खोजवां