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VARANASI: लो अब तो इलेक्शन नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। देश के साथ शहर की फिजाओं में भी चुनावी बयार का असर दिखायी देने लगा है। हर अड़ी गुलजार है। जिधर देखो उधर ही चुनावी बातें। कहीं जिताने की जुगत तो कहीं हराने का जुगाड़। किसके साथ कौन। किसका जातिगत समीकरण मजबूत और न जाने क्या क्या? इन तमाम बातों में इलेक्शन डेट्स की बात भी निकल कर सामने आयी। आई नेक्स्ट तो ऐसे ही चुनावी बातों को आप तक पहुंचाने का अभियान चलाया है। सो इस बार हम थे लहुराबीर के मोती की चाय की दुकान पर।

बनारस में इतना लेट चुनाव काहे?

चाय की दुकान पर पहले से ही चार पांच लोग मौजूद थे। इतने में अखिलेश भइया आ गये। पानी का लोट उठाया और कुल्ला करते हुए एक लाइन ठोक दिया। गुरु बनारस में एतना लेट चुनाव काहे करावत हउअन? कोनो बात जरूर हौ। उनके सवाल को जवाब का जवाब देने के लिए जैसे लोग तैयार बैठे थे। सबसे पहले भाइजी बोल पड़े। अब ई तो इलेक्शन कमिश्नरे जाने। बाकि हम्मे लगत हौ कि इस सबके पीछे इहां क सुरक्षा खास होई। अभी उनकी बात खत्म नही हुई थी कि राजीव भाई चर्चा में हनुमान जी की तरह कूद पड़े। कहा कि बनारस में इलेक्शन कराना कोई हंसी खेल नहीं है। सिक्योरिटी अरेंजमेंट करने में खासा मशक्कत करनी होगी।

अब तो कैंडिडेट्स डिक्लेयर कर देना चाहिए

इसी बीच चर्चा में अजय भाई भी शामिल हुए। उन्होंने पार्टियों की अेार से कैंडिडेट्स को डिक्लेयर किये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सपा ने कैलाश चौरसिया को टिकट दे दिया है। कांग्रेस की ओर से अजय राय का टिकट लगभग कन्फर्म माना जा रहा है। लेकिन बसपा व भाजपा को लेकर अभी तक उहापोह की स्थिति है। उनके साथ आये मदन ने चर्चा को आगे बढ़ाया और भाजपा की ओर से जोशी या मोदी की बात बतायी। लेकिन इस पर मामला और भी बढ़ गया। तुरंत तुरंत दुकान पर आये एक कुर्ता पायजामा धारी जिससे किसी ने परिचय जानने की कोशिश नहीं कि पूरे आत्मविश्वास से मोदी को ही भाजपा का उम्मीदवार बताया। जोशी जी को मानने वाले भी वहां बैठे थे। उन्हें यह बात गंवारा नहीं हुई लेकिन कुछ बोले नहीं। कुर्ता पायजामे वाले भाई साहब जब वहां से निकल गये तो उन्होंने बड़े धीरे से कहा कि जईसे लगत हो कि एनही से पूछ कर राजनाथ टिकट बांटत हहुअन।