हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हुई लीलास्थली

RAMNAGAR

रामनगर की रामलीला के तीसवें दिन रविवार को श्रीराम राज्याभिषेक की लीला का मंचन हुआ। लीला स्थानीय किला रोड पर स्थित अयोध्या मैदान में सम्पन्न हुई। हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष के बीच परम्परा का निर्वहन करते हुए कुंवर अनन्त नारायण सिंह ने भगवान श्रीराम का अयोध्या नरेश बनने पर राजतिलक किया।

सभी हुए राज्याभिषेक में शामिल

श्रीराम के राज्याभिषेक समारोह में गुरु वशिष्ठ, विभीषण, सुग्रीव, अंगद, हनुमान, नल-नील आदि वानर व भालू वीर उपस्थित होकर श्रीराम के राजा रूप का दर्शन करने को आतुर हैं। गुरु वशिष्ठ की आज्ञा पाकर श्रीराम सिर झुकाकर सभी का अभिवादन करते हुए अयोध्या के राजसिंहासन पर विराजमान होते हैं। सर्वप्रथम गुरु वशिष्ठ के राजतिलक करने के पश्चात माता कौशल्या दान देती हैं। इस अवसर पर रामनगर दुर्ग से पैदल चलकर लीलास्थल तक कुंवर अनन्त सिंह अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे। श्रीराम का तिलक कर उन्हें भेंट देते हैं। बदले में श्रीराम स्वरूप ने अपने गले की माला उतारकर कुंवर को पहना दिया। अयोध्या मैदान राजा रामचन्द्र की जय जयकार से गुंजायमान हो उठा। इसी क्रम में श्रीराम वानर सेना को बुलाकर उन्हें अपने-अपने राज्यों में जाने को कहते हैं। जिसपर सुग्रीव, जामवंत, नल-नील श्रीराम से वस्त्राभूषण की भेंट प्राप्त कर विदा लेते हैं। वहीं अंगद श्रीराम से यहां से न जाने की जिद करते हैं। श्रीराम अंगद की प्रेम भरी वाणी सुनकर उठकर उन्हें गले लगा लेते हैं। श्रीर के काफी समझाने के बाद अंगद वापस चले जाते हैं। भगवान श्रीराम, सीता, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न सहित अयोध्या के राजसिंहासन पर विराजमान हैं। भक्त हनुमान उनके चरणों में बैठे हैं। रामायणी रामराज्य की महिमा का गुणगान करते हुए लीला को विश्राम देते हैं। आज की रामलीला में भोर की आरती का विशेष महत्व है। भोर की आरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु रात्रिपर्यन्त मेला स्थल पर डटे रहे। भोर की आरती ख्म् अक्टूबर को प्रात:काल भ् बजे से होगी।