-पार्षद की हत्या में शामिल बदमाशों ने अपनाया था बेहद शातिर तरीका

-हर पल ले रहे थे शिव सेठ की लोकेशन

VARANASI

पार्षद की हत्या में शामिल बदमाशों संतोष शुक्ला, दीपक वर्मा, अनिल सोनकर, संतोष सोनकर और गौतम नंदी

ने बेहद शातिर तरीके से पूरी घटना को अंजाम दिया। वारदात के दस दिन पहले पांच अलग-अलग मोबाइल और सिम खरीदा गया। इनका इस्तेमाल सिर्फ आपस में बातचीत करने में होता था। संतोष शुक्ला और दीपक वर्मा वारदात के एक दिन पहले अनिल सोनकर के घर रुके। इन्हें पता था कि पार्षद दर्शन करने संकटमोचन मंदिर जाएंगे। घटना के दिन निगरानी के लिए गौतम नन्दी को लक्सा में शिव सेठ के कार्यालय पर लगाया। संतोष सोनकर व गुडडू को शिव सेठ का पीछा करने को लगाया। दोनों शिव की लोकेशन दीपक वर्मा को बताते रहे। रात में शिव सेठ अपने कार्यालय से बाहर निकले तो गौतम नन्दी ने दीपक वर्मा को सूचना दी। पांचों बदमाश बाइक से शिव सेठ के पीछे लग गए। पीछा करते सूनसान इलाके तुलसीपुर में संतोष शुक्ला और दीपक वर्मा ने पार्षद की गोली मारकर हत्या कर दी।

गोलू यादव हत्या कांड से जुड़े तार

लगभग चार महीने पहले गोलू की हत्या लोहता थाना क्षेत्र में हुई थी। हत्यारे उसे घर से बुलाकर ले गए थे। दूसरे दिन उसका शव वरुणा नदी में मिला था। गोली मारकर उसकी हत्या करने के बाद शव को नदी में फेंक दिया गया था। हत्या के बाद संतोष को सुपारी की धनराशि नहीं मिली थी। इसके लिए वह पार्षद पर बराबर दबाव बना रहा था। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो संतोष शुक्ला ने पार्षद की हत्या की साजिश रची।

मोबाइल नंबर से ट्रेस हुए आरोपी

हत्याकांड की छानबीन के लिए लगायी गयी एसटीएफ टीम ने कई मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। हत्या करने वालों ने अलग सिम व मोबाइलों का प्रयोग किया।

वारदात को अंजाम देने के बाद संतोष व दीपक वर्मा के कहने पर सभी बदमाशों ने सिम तोड़कर फेंक दिया। लेकिन नए मोबाइल के लालच में उसे अपने पास ही रख लिया। इसी मोबाइल फोन के जरिए एसटीएफ उन तक पहुंच गई। पार्षद को गोली मारने वाले शूटर लक्सा निवासी संतोष शुक्ला व रामापुरा नई बस्ती के दीपक वर्मा फरार हैं। एसटीएफ व पुलिस दीपक वर्मा का क्राइम हिस्ट्री खंगाल रही है। दीपक नोएडा में साल ख्008 में एनकाउंटर में मारे गए लालू वर्मा का भांजा है।