- पगडंडी के सहारे बारिश में स्कूल जाना बच्चों के लिए हो सकता है जानलेवा

-विद्यालय जाने वाले रास्तों पर है अतिक्रमण कारियों का कब्चा

(चंदौली) : सब पढ़े सब बढ़े के नारे के साथ परिषदीय विद्यालयों में च्च्चों के दाखिले को लेकर महकमा से लगायत शासन प्रशासन तमाम प्रयास कर रहा है। लेकिन परिषदीय विद्यालयों पर पहुंचने वाले संपर्क मार्गों के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। तहसील क्षेत्र के दर्जनों प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों पर जाने के लिए संपर्क मार्ग का अभाव बना हुआ है। नौनिहाल पगडंडी के सहारे विद्यालय जाने को मजबूर हैं।

विषैले जीव-जंतुओं का है डर

नक्सल प्रभावित शिकारगंज इलाके के दाउदपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पर जाने के लिए डाढ़ मेड़ ही सहारा है। राजस्व अभिलेख में चकरोड होने के बावजूद अतिक्रमण कारियों का कब्जा बना हुआ है। कमोवेश यही स्थिति नगर से सटे मुहम्मदाबाद प्राथमिक विद्यालय सहित पचफेडिया प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय की है। नौगढ़ में आधा दर्जन से अधिक परिषदीय विद्यालयों केच्बच्चे आवागमन का दंश झेल रहे हैं। संपर्क मार्ग अथवा चकरोड़ नहीं होने से होरिला, वृंदावन, चिकनी समेत अन्य प्राथमिक विद्यालयों में बरसात के दिनों में ननिहालों की उपस्थिति काफी कम हो जाती है। पगडंडी के सहारे तहसील क्षेत्र के दर्जनों परिषदीय विद्यालयों पर आवागमन करने वालेच्बच्चों के अभिभावक कहते हैं कि बरसात के दिनों में डाढ़ मेड़ पर घास फूस के बीचच्बच्चों को स्कूल भेजना गवारा नहीं होता.च्बच्चे च्बच्छु समेत अन्य जहरीले जीव जंतुओं की जद में आ जाते हैं। लेकिन मजबूरी है। कई बार इस ओर विभाग के च्च्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन समस्या से निजात नहीं मिल पाया।

सबको होना होगा जागरुक

परिषदीय विद्यालय को जाने वाले संपर्क मार्गो पर जारी अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन को गंभीर होना होगा। संपर्कविहीन पगडंडी वाले विद्यालयों को चिह्नित कर राजस्व अभिलेख से वास्तिविक जानकारी शिक्षा विभाग को हासिल करनी होगी। विद्यालयों कच् बच्चों को आवागमन सुलभ कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी समेत विद्यालय के शिक्षकों को तहसील प्रशासन से मिलकर संपर्क मार्ग के निर्माण की पहल करनी होगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

उपजिलाधिकारी जवाहर लाल श्रीवास्तव कहते हैं कि विद्यालयों पर जाने वाले संपर्क मार्गो पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग से ऐसे विद्यालयों की सूची मांगकर राजस्व विभाग से संपर्क मार्ग की स्थिति का अवलोकन करने के बाद अतिक्रमण कारियों को खदेड़ने के साथ ही मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा संपर्क मार्गों का निर्माण कराया जाएगा।