-बनारस से हल्दिया तक जलमार्ग की सेंट्रल गवर्नमेंट की महत्वाकांक्षी योजना नहीं पकड़ पा रही रफ्तार

-रामनगर में टर्मिनल के लिए नहीं मिल रही पर्याप्त जमीन, रेल ट्रैक बिछाने व बिजली का इंतजाम करने में हो रही परेशानी

VARANASI

सेंट्रल गवर्नमेंट की एक महत्वाकांक्षी योजना है जल परिवहन। बनारस से हल्दिया के बीच गंगा में तैयार होने वाले इस जलमार्ग से भारी मालवाहक जहाज आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकेंगे। इससे जहां माल की ढुलाई आसान होगी वहीं सस्ती भी होगी। लेकिन इस परियोजना में जमीन की वजह से रोड़ा अटक रहा है। राल्हूपुर में बंदरगाह तो तैयार हो रहा है लेकिन इसका उपयोग कैसे होगा? इसका इंतजाम नहीं हो पा रहा है। अभी तक जल परिवहन के लिए जरूरी जमीन में से थोड़ी ही मिल पायी है। अन्य जमीन किसानों के अड़चन की वजह से नहीं मिल पा रही है। स्थानीय प्रशासन भी उनसे जमीन हासिल करने में कुछ खास काम नहीं कर पा रहा है। जमीन उपलब्ध नहीं होने से राल्हूपुर में निर्माणाधीन टर्मिनल के लिए बिजली कनेक्शन और रेल कनेक्टिविटी की जरूरत भी पूरी नहीं हो पा रही है। यही नहीं गंगा में कछुआ सेंचुरी की वजह से अभी तक ड्रेजिंग का कार्य भी नहीं हो पा रहा है। जबकि जल परिवहन के लिए गंगा में तीन मीटर गहरा और ब्भ् मीटर चौड़ा मार्ग ड्रेजिंग के जरिये तैयार करना है।

कैसा पूरा होगा काम?

वाटरवेज-क् के पहले फेज में गंगा नदी में बनारस से हल्दिया के बीच जलमार्ग का विकास किया जा रहा है। इसके लिए रामनगर राल्हूपुर में मल्टी मॉडल टर्मिनल को तैयार किया जा रहा है। इसे जिउनाथपुर से गुजरने वाले फ्रेट कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा। रेल ट्रैक बिछाने और मार्ग बनाने के लिए जमीन की जरूरत है। परियोजना के लिए वैसे तो ब्0 एकड़ जमीन चाहिए पर तत्काल में क्क् एकड़ जमीन की जरूरत है। काफी कोशिश के बाद अब तक डेढ़ एकड़ जमीन ही मिल पायी है। वह भी विवादों से नहीं बची है। कुछ काश्तकार उस पर आपत्ति जता रहे हैं। आठ एकड़ जमीन का विवाद भी स्थानीय प्रशासन सुलझा नहीं पा रहा है। इसके साथ ही टर्मिनल तक बिजली का इंतजाम भी तभी हो पायेगा जब जमीन होगी। जमीन के उपलब्ध न हो पाने से बिजली के खंभे नहीं लग पा रहे हैं। जेनरेटर लगाकर किसी तरह काम किया जा रहा है।

योजना का नाम-जलमार्ग विकास परियोजना

कार्यदायी संस्था-आईडब्ल्यूएआई

योजना की कुल लागत-ब्क्00 करोड़

प्रारंभ होने की तिथि-मार्च ख्0क्म्

योजना पूर्ण होने की मियाद-ख्0क्7 से अलग-अलग चरणों में ख्0ख्0 तक

योजना में लेट की वजह से रिवाइज्ड कास्ट-भ्000 करोड़

वर्तमान में ब्0 प्रतिशत काम हुआ है

लेट होने का कारण-टर्मिनल के लिए जमीन का ना मिलना और कछुआ सेंचुरी की वजह से गंगा में ड्रेजिंग ना होना

योजना के पूरा होने की संभावित डेट-अभी निश्चित नहीं

-बनारस से हल्दिया तक क्म्ख्0 किमी जलमार्ग मार्ग

-गंगा में तीन मीटर गहरा और ब्भ् मीटर चौड़ा ड्रेजिंग होना हैं

-बनारस, झारखंड और हल्दिया में चार टर्मिनल बनाये गए हैं

-रेल और सड़क मार्ग से जोड़ना है टर्मिनल को

ये होगा फायदा

-माल ढुलाई आसान और सस्ता होगा

-नदी परीक्षण और संरक्षण होगा

-टूरिज्म डेवलपमेंट होगा

-जलमार्ग से जुड़े शहरों का होगा आर्थिक विकास

जल परिवहन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में परेशानी हो रही है। इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन तक को दे दी गयी है।

प्रवीर पाण्डेय, प्रोजेक्ट मैनेजर आईडब्ल्यूएआई

जल परिवहन परियोजना में आ रहे अवरोध को दूर किया जा रहा है। इसके लिए हर स्तर से प्रयास किया जा रहा है। शासन को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। जो निर्देश मिल रहे हैं उसके अनुरूप कार्य किया जा रहा है।

योगेश्वर राम मिश्र, डीएम