- पाइपलाइनों में लीकेज के चलते रोज दर्जनों मोहल्लों में पानी के लिए जूझते ही पब्लिक

- सैकड़ों साल पुरानी पाइपलाइन से हो रही आपूर्ति

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सैकड़ों साल पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों से हो रही पेयजल आपूर्ति पब्लिक की परेशानी बढ़ा रही है। रही सही कसर आईपीडीएस और गेल की ओर से चल रहे खोदाई कार्य ने पूरी कर दी है। ऐसे में डेली दर्जनों मोहल्लों में पाइप लीकेज की बात सामने आती रहती है। उसे दुरुस्त करने में इतना समय लग जाता है कि लोग पानी के लिए तरस जाते हैं। जलापूर्ति ठप होने पर आए दिन विरोध प्रदर्शन होता है। लेकिन जलकल विभाग बजट और संसाधन का अभाव बताकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है।

इन मोहल्लों में अधिक समस्या

दरअसल, शहर के तमाम मोहल्लों में लगी पाइपलाइन काफी पुरानी हो गई हैं। जिससे वे अक्सर लीक हो जाती हैं। खासकर गलियों में यह समस्या ज्यादा आती है। भेलूपुर, आदमपुर, कोतवाली, चौक, जैतपुरा, दशाश्वमेध, नरिया, घसियारी टोला, ककरमत्ता, रामापुरा, तेलियाबाग, राजघाट, बड़ी पियरी, पुराना पुल, प्रहलाद घाट, काटन मिल, घंटी मिल, छित्तूपुर, राजघाट, अर्दली बाजार, बृज इन्क्लेव, चुप्पेपुर, गिरजाघर चौराहा समेत चार दर्जन मोहल्लों में आए दिन पेयजल समस्या खड़ी हो जाती है। विभाग को जानकारी होने पर गड़बड़ी दुरुस्त की जाती है।

ज्यादा शिकायतें लीकेज की

जलकल भवन में बने कंट्रोल रूम में रोज सबसे ज्यादा पाइप लीकेज की शिकायत आती है। इसके बाद ट्यूबवेल की खराबी और पानी न पहुंच पाने की कम्प्लेंट दर्ज की जाती है। पाइप लीकेज का रोज का औसत आंकड़ा दस मोहल्लों का है। अफसरों के मुताबिक तमाम मोहल्लों में लगी पाइपें 20 से सवा सौ साल पुरानी हैं। जिससे वे जर्जर हो गई हैं।

खोदाई ने किया बेड़ा गर्क

आईपीडीएस और गेल की ओर से चल रही खोदाई से भी पाइप क्षतिग्रस्त हो जाती है। इससे गंदे पानी की सप्लाई होने लगती है। कई बार सीवर टूटने से गंदा पानी पाइपों में चला जाता है। जिससे मोहल्लों में पूरी तरह से दूषित पानी आने लगता है। कई बार दूषित पानी का सेवन कर लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अगर खोदाई से पाइप या सीवर टूटा है तो सम्बंधित कार्यदायी संस्था से उसे बनवाया जाता है। अगर इसका पता नहीं चल पाया तो विभाग खुद के खर्चे से मेंटीनेंस किया जाता है।

सप्लाई ठप होने से झेली परेशानी

लंका एरिया के नरिया, साकेत नगर, इमाम चौक, रोहित नगर, राजभर बस्ती में हफ्तों से पेयजल संकट बना हुआ है। शिकायत के बाद भी जलकल विभाग समाधान नहीं कर रहा है। इससे आक्रोशित लोगों ने शनिवार बाल्टी लेकर प्रदर्शन किया था । इसमें पार्षद कमल पटेल, वरुण सिंह, सत्यप्रकाश सोनकर, आलोक गुप्ता, महेन्द्र पटेल, दिनेश पटेल, राजेश वर्मा, शकुंतला, प्रीति सिंह, नंदिनी, लक्ष्मी, अन्नपूर्णा आदि थे। वहीं घंटी मिल रोड पर पाइपलाइन फटने से अम्बालिका पुरी कॉलोनी समेत कई मोहल्लों की आपूर्ति ठप हो गई। इस मार्ग पर कई विशिष्टजनों का आवास भी है। विभाग की ओर से चल रहे कार्य से रोड भी ब्लॉक रहा। इससे पब्लिक ने खासी परेशानी झेली।

एक नजर

- 1500 किलोमीटर पाइपलाइन

- 106230 कनेक्शन हैं शहर में

- 3200 अतिरिक्त कनेक्शन हैं

- 4 जोनल अफसर करते हैं मॉनीटरिंग

पाइपलाइन में लीकेज होने की शिकायत पर जूनियर इंजीनियर के साथ टेक्निकल स्टाफ को तत्काल मौके पर भेजा जाता है। विभिन्न मदों से कई जगह पुरानी पाइपें बदली भी गई हैं।

बीके सिंह, महाप्रबंधक, जलकल