-विधायक अजय राय ने कहा फतेहगढ़ जेल में मिलने आए थे पीएम के दूत

-कहा वक्त आने पर करूंगा नाम का खुलासा

VARANASI

पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल याचिका वापस लेने को जेल में मुझ पर प्रेशर बनाया गया। पीएम का दूत जेल में आकर समझौता करने की बात करता रहा। यह कहना है विधायक अजय राय का।

अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए हंगामे के बाद रासुका में जेल भेजे गए कांग्रेस विधायक ने रिहा होने के बाद बुधवार को अपने आवास पर मीडिया के सामने यह बात कहीं। दबाव किसका है, यह खुलासा एमएलए ने नहीं किया। कहा कि समय आने पर नाम का खुलासा करूंगा।

बात न मानने की भुगतनी पड़ी सजा

एक सवाल के जबाव में कहा कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और सपा के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने का दबाव था। सपा उन्हें प्रत्याशी बनाना चाहती थी। इन बातों पर समझौता नहीं करने और बनारस में पीएम के विकास के खोखले दावे को जनता के सामने उजागर करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। उन पर रासुका लगाकर सात माह तक जेल में बंद रखा गया।

अजय राय ने स्पष्ट किया कि वह रासुका के मामले में किसी से व्यक्तिगत द्वेष नहीं रखेंगे। जनता के हित में मोदी-मुलायम की जुगलबंदी और बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। फतेहगढ़ जेल से रिहा होने के बाद अजय राय की क्या रणनीति होगी। इस पर उन्होंने कहा कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। डीएम के खिलाफ कोई कदम उठाने के सवाल पर अजय राय ने कहा कि डीएम-एसएसपी तो राज्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। उनके खिलाफ कुछ करने का सवाल नहीं उठता। हाईकोर्ट ने रासुका कैंसिल करते हुए अपने आदेश में कहा कि एनएसए लगाते समय जिम्मेदार अधिकारियों ने दिमाग का उपयोग नहीं किया।