-पर्याप्त उपकरणों के बिना टै्रफिक व्यवस्था संभालने में हो रही परेशानी

-टै्रफिक नियमों को तोड़ने वाले बच निकलते हैं आसानी से

VARANASI

सीन-क्

जगतगंज स्थित मरी माई चौराहे पर टै्रफिक पुलिस के जवान और होमगार्ड टै्रफिक व्यवस्था बनाने के लिए मुस्तैद हैं। इसी दौरान तेज गति से आ रहा बाइक सवार रेड लाइट को नजरअंदाज करके आगे बढ़ने लगा। होमगार्ड के जवान ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वो नदेसर की ओर भाग निकले। अगले चौराहे पर मौजूद जवानों तक उनके बारे में सूचना देने का कोई इंतजाम ना होने से टै्रफिक पुलिस के जवान और होमगार्डो के पास उन्हें जाते देखने के अलावा कोई चारा नहीं था।

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मलहदिया चौराहे पर रेड लाइट की वजह से कई गाडि़यां रुकी हुई थीं। तभी एक बाइक पर सवार दो युवक आए और गाडि़यों की भीड़ से निकलते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। इस कोशिश में कार सवार से उनकी झड़प हो गयी। उन्होंने कार सवार की पिटायी शुरू कर दी। टै्रफिक और होमगार्ड के जवानों ने बाइक सवारों को पकड़ने की कोशिश की। उन्हें देख बाइक सवार भाग निकले। वॉकी-टाकी नहीं होने की वजह से टै्रफिक पुलिस के जवान उनके बारे में इन्फॉर्मेशन आगे फारवर्ड नहीं कर सके।

ये दोनों सीन बता रहे हैं कि जरूरी उपकरणों के बिना टै्रफिक पुलिस के जवानों और होमगा‌र्ड्स को शहर की टै्रफिक व्यवस्था संभालनी पड़ रही है। इसकी वजह से लगभग रोज ही उन्हें विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। टै्रफिक नियमों का उलंघन करने वाले उनके सामने से निकल जाते हैं और वो उन्हें देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं। शहर में किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले भी उनके सामने से यूं ही गुजर जाते हैं लेकिन जवान लाचार रहते हैं।

ऐसे कैसे करेंगे काम

शहर की सड़कों पर वाहनों का लोड हर रोज बढ़ रहा है। टै्रफिक को संचालित करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। इस चुनौती से निपटने के लिए टै्रफिक पुलिस डिपार्टमेंट खुद को एडवांस उपकरण से सुसज्जित कर रहा है। लेकिन अभी भी इसकी संख्या पर्याप्त नहीं है। टै्रफिक पुलिस वॉकी टाकी का इस्तेमाल करती है लेकिन वो सिर्फ ड्यूटी पर तैनात टीआई या हेडकांस्टेबल के पास होता है। सभी के पास सीयूजी मोबाइल भी नहीं होता कि वो बिना किसी रुकावट के आपस में बातचीत कर सकें। होमगा‌र्ड्स के पास सीटी तक नहीं होती कि किसी गड़बड़ी का संकेत दे सकें। गड़बड़ी करने वालों की तस्वीर लेने के लिए कैमरा भी उपलब्ध कराया गया लेकिन अब इसका इस्तेमाल कम ही होता है।

-एक लाख वाहनों की भीड़ हर वक्त शहर की सड़क पर होती है

-क्00 प्रमुख चौराहों पर टै्रफिक व्यवस्था संभालने को तैनात रहते हैं जवान

-भ्0 वॉकी-टाकी का इस्तेमाल होता एक वक्त में

-एक एसपी के जिम्मे है टै्रफिक डिपार्टमेंट

-तीन टीआई करते हैं सहयोग

-म्0 टीएसआई निभाते हैं भूमिका

-फ्0 हेडकांस्टेबल रहते हैं मुस्तैद

-ख्0ब् कांस्टेबल की है अहम भूमिका

-ख्00 होमगार्ड मिले हैं टै्रफिक पुलिस डिपार्टमेंट को

-78 टीआरबी जवानों का किया गया है इंतजाम

टै्रफिक पुलिस डिपार्टमेंट को लगातार एडवांस बनाया जा रहा है। शहर की टै्रफिक व्यवस्था को बनाने के लिए वो जरूरी भी है। जिन उपकरणों की कमी है उनका इंतजाम जल्द किया जाएगा।

आरबी चौरसिया, एसपी टै्रफिक