- वाराणसी जोन में लांच हुई क्रिमिनल डेटाबेस प्रणाली

- 21 मई तक 10 जिलों में फीड किया जाएगा अपराधियों का डेटा

VARANASI

बनारस शहर ही नहीं, जोन के 10 जिलों की पब्लिक, व्यवसायी और नौकरीपेशा लोग अपराधियों को पहचान सकेंगे और उनके बारे में पुलिस को सूचना दे सकेंगे। एडीजी जोन पीवी रामाशास्त्री ने सोमवार को वाराणसी जोन में 'पहचान' सॉफ्टवेयर का पायलट प्रोजेक्ट लांच किया। अगले एक सप्ताह तक जोन के सभी जिले इसमें डेटा फीडिंग करेंगे। 21 मई के बाद इसका रिजल्ट देख्ा जाएगा।

जनता पहचान सकेगी अपराधी

एसपी मिर्जापुर आशीष तिवारी और इनोडल सॉल्यूशन्स के डेवलपर चिराग शाह ने इस क्रिमिनल डेटाबेस प्रणाली को बनाया है। सोमवार को वाराणसी पुलिस लाइन में शुरुआत के दौरान एडीजी जोन ने सभी डीसीआरबी और स्वाट टीमों के साथ सॉफ्टवेयर की तकनीक साझा की। इसे मोबाइल और कंप्यूटर पर चलाया जा सकेगा। किसी भी जगह पर कोई संदिग्ध व्यक्ति या पहचान पत्र देखकर उसकी तस्वीर सॉफ्टवेयर पर अपलोड करनी होगी। 10 जिलों से अपलोड किए गए अपराधियों के डेटाबेस से इस तस्वीर का मिलान कर सॉफ्टवेयर सेकेंडों में रिजल्ट दिखा देगा।

पहले होटलों से लेंगे डेटा

पायलट प्रोजेक्ट के तहत 'पहचान' एप पर फीड किए गए डेटा से होटलों के डेटाबेस का मिलान कराया जाएगा। शहरों के छोटे होटलों, सराय और धर्मशालाओं में कई बार बाहर से आए अपराधी आश्रय लेते हैं। एसपी मिर्जापुर से बताया कि होटल में दिए गए इनके फर्जी पहचान पत्र की तस्वीर भी एप पर डाली जाएगी तो वह मिनटों में अपराधी का असली नाम और आपराधिक इतिहास उजागर कर देगा। ऐसे में पुलिस के लिए उसकी धरपकड़ आसान हो जाएगी।

सत्यापन भी होगा आसान

पहचान एप में एक बार सारा डेटा फीड हो जाने के बाद किराएदारों का सत्यापन भी बेहद आसान हो जाएगा। भविष्य में इसमें एक पब्लिक इंटरफेज भी जोड़ा जाएगा ताकि आम जनता खुद इससे अपराधियों की पहचान कर सके और अपने वेरीफिकेशन के लिए फोटोग्राफ अपलोड कर सके।

वर्जन

तकनीकी रूप से सक्षम होने की तरफ पुलिस का यह एक और कदम है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद एप को पूरी तरह इस्तेमाल में लाने की कोशिश की जाएगी।

पीवी रामाशास्त्री, एडीजी जोन वाराणसी