- मानूसन सत्र में यूपी कैबिनेट पुराने कानूनों को खत्म करने पर लेगी फैसला

- अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे नियमों की तैयार हो रही सूची

VARANASI

अंग्रेजों के जमाने के कानून जल्द ही इतिहास हो जाएंगे। जिनका अब न तो इस्तेमाल है, न ही उपयोगिता ऐसे कानून को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार मानसून सत्र में प्रस्ताव लाने वाली है। यह जानकारी दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से विशेष बातचीत में प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने दी। उन्होंने बताया कि ऐसे लगभग पांच हजार कानून हैं जो अगले सत्र में समाप्त कर दिए जाएंगे। इनमें ज्यादातर पिछली सरकारों के विनियोग विधेयक हैं।

विभागों से मांगी गई लिस्ट

वर्ष-2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद पीएम ने कहा था कि ऐसे कानूनों को समाप्त किया जाएगा जिनकी अब कोई जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल भी की और ऐसे 1824 कानून चिह्नित किए गए। इनमें से 1657 समाप्त भी किए जा चुके हैं। इस तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पुराने और निष्प्रयोज्य कानून रद करने की तैयारी कर ली है। कैबिनेट मंत्री श्री पाठक ने बताया कि इसके लिए सभी विभागों से ऐसे नियमों और कानूनों की लिस्ट मांगी गई है जिनका अब कम इस्तेमाल होता है या नहीं होता है।

ज्यादातर हैं विनियाेग कानून

विधि मंत्री ने बताया कि रद किए जाने वाले कानूनों में ज्यादातर वह विनियोग विधेयक हैं जो पिछली सरकारों ने विधानसभा में पारित कराए थे। उन्होंने बताया कि सरकारें हटने के बाद यह कानून भी अप्रासंगिक हो जाते हैं, इन्हें खत्म किया जाएगा। इसके अलावा अंग्रेजों के जमाने के तमाम एक्ट और पिछली यूपी सरकारों द्वारा जारी की गई कई धाराएं भी इसी प्रस्ताव के तहत रद की जाएंगी।

कैसे-कैसे नियम

विंध्याचल मंडल के जिलों में खनन के लिए अंग्रेजों के जमाने में एक एक्ट बनाया गया। इसका नाम था 'मिर्जापुर खनन अधिनियम'। इसके तहत पहाड़ी क्षेत्र में खनन और पहाडि़यों की कटिंग के लिए कई प्रावधान किए गए थे। आजादी के बाद राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश खनन अधिनियम पारित कर दिया। ऐसे में यह निष्प्रयोज्य हो गया।

यूपी पुलिस एक्ट के तहत आरोपी पर 50 रुपये तक का जुर्माना या सार्वजनिक स्थलों पर बेंत मारने की सजा। आजादी के बाद ऐसी सजाओं का प्रयोग वैधानिक तौर पर बंद कर दिया गया है। ऐसे में कानून की सूची से इन्हें निकालना जरूरी है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के राजस्व अधिनियिम, भूमि व्यवस्था अधिनियम, सेवा नियमावली अधिनियम समेत तमाम ऐसे एक्ट जो अंग्रेजों के समय बने हैं। उनका बदलाव या सुधार जरूरी है।

आईपीसी में होगा संशोधन

केंद्र ने 1860 में बनी आईपीसी और तमाम पुराने केंद्रीय एक्ट खारिज करने या उनमें संशोधन करने की पहल की है। इनमें आईपीसी की धारा-309 समेत कुछ अन्य धाराएं शामिल हैं। धारा-309 के तहत आत्महत्या का प्रयास करने वाले के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाती है। ऐसे ही इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट समेत प्रदेशों के 299 ऐसे अधिनियम भी रद होने की सूची में हैं।

ैक्ट फाइल

- 5000 कानूनों को रद करेगी प्रदेश सरकार

- 1657 पुराने कानून रद कर चुकी है केंद्र सरकार

- 1824 पुराने कानून हैं खारिज होने की सूची में

- 299 एक्ट राज्यों में प्रभावी हैं, जो खारिज किए जाएंगे

- मिर्जापुर खनन अधिनियम भी होगा रद

- उत्तर प्रदेश के राजस्व अधिनियिम, भूमि व्यवस्था अधिनियम, सेवा नियमावली अधिनियम के तमाम प्रावधान भी होंगे निरस्त