- इलेक्शन के चलते सिटी में पुलिस फोर्स है कम मगर क्राइम ग्राफ में दिख रही गिरावट
- जब पुलिस फोर्स थी मौजूद तब आये दिन होते थे छोटे-बड़े crime
VARANASI: क्या अजब संयोग है। बात ये कि जब पुलिस वाले शहर से दूर हैं तो क्रिमिनल्स भी शांत पड़े हुए हैं। अरे जनाब, हम बात कर रहे हैं चुनावी मौसम में शहर के घटे क्राइम ग्राफ की वो भी तब जब जिले की अधिकांश फोर्स दूसरे स्टेट्स में चुनाव कराने गई हुई है। बावजूद इसके यहां क्राइम की वारदातें नहीं के बराबर हो रही हैं। अब इसे संजोग नहीं तो और क्या कहेंगे।
इस महीने एक हत्या
अगर पिछले महीने की बात करें तो इस मंथ में छोटे बड़े कई क्राइम हुए थे। इनमें हत्या, लूट, चोरी और स्नेचिंग समेत रेप तक की वारदातें सामने आईं लेकिन अप्रैल मंथ में अब तक का क्राइम ग्राफ पिछले मंथ की तुलना में काफी कम है। ये हाल तब है जब जिले में पिछले महीने पूरी पुलिस फोर्स थी और अप्रैल में एसआई से लेकर कॉस्टेबल्स तक को पॉलिर्यामेंट इलेक्शन के पहले व दूसरे चरण की वोटिंग के लिए अदर स्टेट्स में भेजा जा चुका है।
हाल है ये
-प्रेजेंट में बनारस में तैनात है लगभग छह हजार से ज्यादा कॉस्टेबल्स।
- इनमें से 980 कांस्टेबल्स को दूसरे स्टेट्स में इलेक्शन के लिए भेजा गया है।
- इनके अलावा 89 हेड कांस्टेबल्स और 9ख् एसआईज भी गए हैं इलेक्शन ड्यूटी में।
- फोर्स कम होने के बाद भी शहर में इस माह हुई हैं सिर्फ एक हत्या, एक लूट, एक रेप और चोरी की तीन वारदातें।
- जबकि पिछले महीने पूरी फोर्स होने के बाद भी रेप, लूट, हत्या, चोरी और स्नेचिंग समेत किडनैपिंग की कई वारदातों से दहल उठा था शहर।
- अकेले चोरी की ही दो दर्जन से ज्यादा वारदातों ने उड़ा दी थी पुलिस की नींद।
- लंका में एक प्रोफेसर के घर से क्भ् लाख से अधिक की चोरी और रोहनिया में घर में घुसकर महिला संग रेप की वारदात ने किया था पुलिस को परेशान।
- जबकि इस महीने एयरपोर्ट के बाहर से किडनैप हुए कारोबारी को पुलिस के सख्त होते ही आरोपी खुद लेकर पहुंच गए थाने।