- बाल संरक्षण इकाई ने किया अनाथ बच्चों को चिह्नित

- बच्चों को चार हजार रुपये महीने देने की कवायद शुरू

::: प्वाइंटर :::

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ऐसे बच्चों की पहचान वाराणसी में हो चुकी है, जिनके माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हुई है

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बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई है

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साल तक के बच्चों के वैध संरक्षक के खाते में 4000 रुपये प्रति माह ट्रांसफर किए जाएंगे

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से 18 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी

कोरोना ने सिस्टम ही नहीं, बल्कि कई लोगों के जीवन में भूचाल भी ला दिया है। करीब 80 हजार से अधिक लोगों ने मौत को मात देकर कोरोना पर विजय पाई है, लेकिन एक हजार ऐसे भी थे, जो कोरोना से जंग हार गए। ऐसे लोगों के परिवार में आज भी मातम छाया हुआ है। कई परिवार ऐसे हैं, जहां तंगहाली और बच्चों के परवरिश पर संकट आ गया है। हालांकि सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रशासन की ओर से कुछ सार्थक प्रयास किए भी जा रहे हैं। इसके तहत वाराणसी में अब तक 77 बच्चों की पहचान हो चुकी है, जिनके माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हुई है। वहीं तीन बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मौत हो गई है। अभी ऐसे और बच्चों की पहचान की जा रही है। पालन-पोषण, पढ़ाई-लिखाई के लिए इन बच्चों को प्रति माह चार-चार हजार रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था की जा रही है।

वंचित बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ेंगे

जिला प्रोबेशन अधिकारी के अनुसार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में उन्हीं बच्चों को सहायता दी जाएगी। जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है। इसका साक्ष्य अवश्य होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ सूचना इस तरह की भी प्राप्त हुई, जिनमें माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु तो हुई है परन्तु उनके कोई साक्ष्य नहीं हैं। इसके लिए डीएम ने निर्देशित किया कि जो बच्चे मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत आते हैं, उन्हें उसमें आच्छादित किया जाए अन्य बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाए। बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 193 बच्चे स्पॉन्सरशिप योजना के तरह चिह्नित किए गए हैं।

अटल आवासीय में रहकर प्राप्त करेंगे मुफ्त शिक्षा

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 साल तक के बच्चों के वैध संरक्षक के खाते में 4000 रुपये प्रति माह ट्रांसफर किए जाएंगे। दोनों अभिभावकों की मौत होने वाले बच्चों को बाल देखभाल संस्थाओं में रखा जाएगा और इन्हीं बच्चों में कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों के लिए अच्छे स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, जहां 11 से 18 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

इन दस्तावेजों के आधार पर मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से महामारी के बीच अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए शुरू की गई सेवा का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी दस्तावजों को भी अनिवार्य किया गया है, जिसमें बच्चे एवं अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन, माता/पिता दोनों जैसी स्थिति हो, उनका मृत्यु प्रमाण पत्र, कोरोना से हुई मृत्यु का साक्ष्य, आय प्रमाण पत्र (यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई है तो जरूरी नहीं है), बच्चे का आयु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण, उत्तर प्रदेश में निवासी होने का घोषणा पत्र आदि को शामिल किया गया है।

ताकि कोई बच्चा वंचित न रहें

ग्रामीण स्तर का फार्म ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा भरवाकर खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित कर और शहरी क्षेत्र में लेखपाल के माध्यम से फार्म भरवाकर एसडीएम से सत्यापित कराकर जिला प्रोबेशन अधिकारी को उपलब्ध कराया जाए। डीएम ने सभी खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि निगरानी समिति और ग्राम बाल संरक्षण समिति के माध्यम से कोरोना के कारण माता-पिता अथवा दोनों को खो चुके बच्चों को चिह्नित करते हुए सूचना जिला प्रोबेशन कार्यालय को उपलब्ध कराए। कोई भी बच्चा ऐसा वंचित नहीं रहना चाहिए, जिसने माता-पिता को खोया है और उनको मदद की जरूरत है।

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कोरोना की बीमारी से मृतक माता-पिता के बच्चों का फार्म भरवाने और जिनके आय प्रमाण पत्र नहीं बने हैं, उनका आय प्रमाणपत्र तत्काल जारी करने के लिए सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्रथमिकता है। हमारा पूरा प्रयास है कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से कोई प्रभावित बच्चा न छूटने पाये।

-कौशलराज शर्मा, डीएम

अभी तक वाराणसी जनपद में कुल 80 बच्चे चिह्नित हुए है, जिसमें 3 बच्चे इस श्रेणी के पाए गए, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है। बाकी अन्य 77 बच्चों में माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु हुई है। अभी ऐसे बच्चों को चिह्नित करने का कार्य जारी है। बहुत जल्द ही इसे पूरा कर योजना का लाभ बच्चों को दिया जाएगा।

-प्रवीण त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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::: बॉक्स :::

इन नंबरों पर दे सकते हैं अनाथ बच्चों की सूचना

-1098 चाइल्ड लाइन

-181 हेल्प लाइन नंबर

-7518024048 मोबाइल नंबर है जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी का

-8840830673 मोबाइल नंबर है बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह का