वाराणसी (ब्यूरो)सोरहिया मेला शुक्रवार से प्रांरभ हो चुका है, जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ माता लक्ष्मी के दर्शन को लग रही हैमेले की सभी दुकानें भी सज चुकी हैंलेकिन, एक गंभीर परेशानी भी देखने को मिल रही हैलक्ष्मी कुंड पर श्रद्धालु पूजा-पाठ की सामग्री विसर्जित करके कुंड को मैला कर रहे हैंसाथ ही पूरे कुंड में काई जमी हुई हैबता दें कि महालक्ष्मी मंदिर में 16 दिनों तक पूजा-पाठ करने के लिए भीड़ उमड़ती हैयह पूजा बड़े ही खास तरीके से की जाती हैइसमें सभी चीजें सोलह अंक में रखी जाती हैजैसे 16 दिन का व्रत और पूजन, 16 आचमन के बाद देवी विग्रह की सोलह परिक्रमा की जाती हैमाता लक्ष्मी को 16 चावल के दाने, 16 दूर्वा और 16 पल्लव अर्पित किए जाते हैंव्रत के लिए 16 गांठ का धागा धारण किया जाता हैइस पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री श्रद्धालु कुंड में डाल रहे हैंमाता लक्ष्मी की मूर्ति आदि उपयोग में आने वाली सामग्री से कुंड मैला हो रहा है.

जगह की हुई कमी

कुंड के पास रहने वालों का कहना है कि पहले यहां सोरहिया मेला बहुत धूम-धाम से मनाया जाता था पर जबसे कुंड के आस पास की जमीनें बिक गई हैं, तबसे मेले पर असर पड़ा हैपहले बड़ी जगह होने के कारण सोरहिया मेला में झूले भी लगाए जाते थे, पर अब उतनी जगह न होने के कारण उतनी धूमधाम से मेला नहीं सज पाता हैकम जगह और ज्यादा भीड़ हो जाने के कारण यहां लक्ष्मी पूजन के समय गंदगी भी बहुत हो जाती हैयहां आने वाले श्रद्धालु लक्ष्मी कुंड में मूर्ति आदि भी विसर्जित कर देते हैं, जिससे कुंड का पानी भी पूरी तरह से मैला हो जाता है.

उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

लक्ष्मी पूजन के मौके पर भक्तों की भीड़ लक्ष्मी कुंड पर लग रही हैपूजा के शुरुआत के दिनों में तो श्रद्धालु पूजन की सामग्री जैसे मां लक्ष्मी की मूर्ति उनके वस्त्र, पूजन सामग्री आदि सामग्री को खरीद रहे हैंकुंड के पास मूर्तियों की दुकानें भी लग चुकी हैंदुकानों पर विभिन्न डिजाइन की माता लक्ष्मी की मूर्तियां और उनके वस्त्र सज चुके हैं, जिसे खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई हैंइस मौके पर सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ पूजा करने के लिए लग जा रहीं है और सभी कुंड में जाकर भी पूजा-अर्चना करके उसमें सामग्री विसर्जित कर हैंइस कारण कुंड पूरा गंदा हो चुका हैपूरे कुंड के पानी में काई लग गई हैउसके बाद भी कुंड में पूजा करने वाले लोग इसे लगातार गंदा कर रहे हैंइस परेशानी को देखने वाला कोई नहीं हैकुंड के आस-पास भी गंदगी फैली हुई हैयह पूजा अभी 16 दिन चलेगी, पर कुंड की सफाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.