वाराणसी (ब्यूरो)भीषण गर्मी के दौरान भी बनारस का एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स डेंजर स्थिति में हैसड़क ही नहीं, बल्कि गंगा किनारे घाटों पर लोगों को शुद्ध हवा नहीं मिल रही हैपांच दिन पहले क्लाइमेट एजेंडा की ओर से अस्सी घाट पर लगाए गए उच्च क्षमता वाले फिल्टर युक्त कृत्रिम फेफड़े महज दो दिन के अंदर धुंधले हो गए थेइसके बाद संस्था ने एक साथ चार प्रमुख घाटों पर एक्यूआई जांची, जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आईअस्सी से ज्यादा दशाश्वमेध घाट की आबोहवा खराब हैयहां की एक्यूआई अधिकतम 362 पाया गया है.

क्लाइमेट एजेंडा की ओर से सोमवार को शाम 5 बजे से 7 बजे तक शहर बनारस के 4 अति महत्वपूर्ण घाटों पर वायु गुणवत्ता निगरानी का काम किया गयाकम मूल्य की छोटी, लेकिन अति भरोसेमंद मशीनों का उपयोग कर अस्सी, केदार, दशाश्वमेध और पंचगंगा घाट पर एक्यूआई की निगरानी की गईक्लाइमेट एजेंडा की डायरेक्टर एकता के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर अधिकतम एक्यूआई 362 और न्यूनतम 199 पाया गयाइस तरह अस्सी घाट पर अधिकतम एक्यूआई 220 व न्यूनतम 105, केदार घाट पर 180 111 और पंचगंगा घाट पर 149 80 दर्ज किया गया हैदशाश्वमेध घाट पर पीएम 2.5 अधिकतम 264 व न्यूनतम 51 दर्ज कियाइस तरह पीएम-10 अधिकतम 396 व न्यूनतम 207 दर्ज किया गया है

72 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए

15वें वित्त आयोग की ओर से बनारस की आबोहवा को शुद्ध करने के लिए नगर निगम को 72 करोड़ आवंटित किए गए थे, लेकिन इसका एक भी पैसे खर्च नहीं हुआदिन ब दिन शहर की आबोहवा खराब हो रही हैएनजीटी के आदेश के बावजूद नगर निगम की ओर से इस पर कोई काम नहीं किया गया है.

ये हैैं आंकड़े

दशाश्वमेध घाट

पैरामीटर मैक्समिनि.

पीएम 2.5 264 051

पीएम 10 396 207

एक्यूआई 362 199

अस्सी घाट

पीएम 2.5 192 022

पीएम 10 273 108

एक्यूआई 220 105

केदार घाट

पीएम 2.5 180 29

पीएम 10 337 117

एक्यूआई 180 111

पंचगंगा घाट

पीएम 2.5 139 18

पीएम 10 234 60

एक्यूआई 149 80

वर्जन

प्रदूषण कंट्रोल करने की जिम्मेदारी प्रशासन की हैहमारी संस्था प्रदूषण काम करती है और समय-समय पर लोगों को अवेयर करती हैलोगों को आगाह करने के लिए यह एक्यूआई जांची गई थी, जिसमें अस्सी से ज्यादा दशाश्वमेध घाट की आबोहवा खराब मिली.

-एकता शेखर, डायरेक्टर, क्लाइमेट एजेंडा