- जन्मदिन के दिन मां और मामी संग दर्शन पूजन करने के बाद गंगा पार घूमने पहुंचे युवक की गंगा में डूबने से मौत, परिवार का इकलौता बेटा था अजय

- नाव किनारे लगने से पहले लगाई डाइव, सिर पर चोट या किसी नस के पानी में अंदर दबने से मौत की आशंका

VARANASI:

एक मां ने आज ही के दिन उसे जन्म दिया था। वो मां बहुत खुश थी और दूसरी मां यानि कि गंगा मां से अपने दुलारे की लंबी उम्र की दुआ मांगने के लिए बेटे के साथ उसकी गोद में गई थी। लेकिन उसे क्या पता था कि जिस मां का आर्शीवाद दिलाकर वह बेटे को लंबी उम्र का आर्शीवाद दिलाना चाहती है वह उसी से उसका बेटा हमेशा के लिए छीनकर उसकी गोद सूनी कर देगी। वेडनेसडे को अहिल्याबाई घाट के उस पार कुछ ऐसी ही दर्दनाक घटना हुई। वहां अपने जन्मदिन पर अपनी मां और मामी संग पहुंचा अजय चौरसिया (ख्ख् वर्ष) गंगा पार डाइव लगाने के दौरान गंगा में डूब गया। कुछ ही देर बाद वहां मौजूद लोगों ने अजय की लाश को गंगा से बाहर निकाला और पुलिस ने डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराकर उसके परिजनों को सौंप दी।

जाना चाहता था गंगा पार

नवापुरा दारानगर के रहने वाले अनिल चौरसिया की महामृत्युंजय मंदिर के पास ही पान की दुकान है। अनिल के इकलौते बेटे अजय का वेडनेसडे को ख्ख्वां जन्मदिन था। इस मौके पर मां कुसुम ने बेटे की लंबी उम्र की कामना के लिए मां शीतला से मनौती मांगी थी और उसी मनौती को पूरा करने के लिए कुसुम अपने बेटे अजय और अपने भाई की पत्‍‌नी लक्ष्मी संग दशाश्वमेध घाट स्थित बड़ी शीतला मंदिर दर्शन पूजन करने गई थीं। दोपहर में दर्शन पूजन के बाद तीनों गंगा घाट पहुंचे। मौसम सुहावना हुआ तो अजय अपनी मां से गंगा पार करने की जिद करने लगा। लेकिन गंगा पार करने की उसकी ख्वाहिश उसकी जिंदगी पर भारी पड़ गई।

मां ने किया था मना

बेटे की जिद के बाद मां कुसुम ने उसे गंगा में उठ रही लहरों को देखकर उस पार जाने से मना भी किया लेकिन होनी को भला कौन टाल सकता था। बेटे ने जन्मदिन हवाला देते हुए उसकी डिमांड पूरी करने की गुजारिश की। इस पर मां कुसुम की ममता पिघल गई और वह विवश हो गई। वह बेटे और उसकी मामी लक्ष्मी संग नाव से पार चली गई। नाव उस पार लगने ही वाली थी कि अजय अपने कपड़े खोलकर गंगा में डाइव लगाने की तैयारी करने लगा। इसपर भी मां ने उसे नाव के पार लगने के बाद ही पानी में उतरने को कहा लेकिन अजय ने अपनी तैराकी का हवाला देते हुए गंगा में छलांग लगा दी। छलांग लगाने के कुछ देर बाद अजय का शरीर एक बार तो पानी के ऊपर आया लेकिन दोबारा उसकी डेड बॉडी ही बाहर निकली।

मचा गया कोहराम

बेटे की गंगा में छलांग के बाद काफी देर तक उसके बाहर न आने पर मां कुसुम की हालत बिगड़ने लगी और उन्होंने जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद वहां नहा रहे कुछ लोग स्विमिंग करते हुए नाव के पास पहुंचे और पूरा माजरा समझने के बाद अजय की पानी में तलाश शुरू की। कुछ देर तलाशने के बाद दो लोगों को अजय की लाश पानी में मिली। उसे निकालकर लोगों ने नाव पर रखा। शव को देखते ही मां कुसुम बेसुध होकर नाव पर ही गिर पड़ी। लक्ष्मी ने उनको संभाला और मोबाइल से परिजनों को इंफॉर्मेशन दी। इसके बाद नाव राणामहल घाट पर पहुंची और वहां पहले से ही मौजूद पुलिस और परिजनों ने लाश नाव से उतारी।

छिन गया बुढ़ापे का एकमात्र सहारा

किसी बाप के लिए अपने जवान बेटे की लाश को अपने ही कंधों पर ढोना शायद दुनिया की सबसे बड़ी बदनसीबी है। अनिल से उसके बुढ़ापे की उसकी एकमात्र लाठी का सहारा भी जुदा हो गया। घाट पर बेटे की मौत की खबर लगने के बाद पहुंचे अनिल की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। अजय की मां और घर के अन्य मेम्बर्स भी गम में डूबे हुए थे।

तय हो चुकी थी शादी

अजय के जन्मदिन के दिन हुई उसकी मौत से पूरी फैमिली शॉक्ड है। उसके परिजनों ने बताया कि अजय की शादी फिक्स हो चुकी थी। उसकी तैयारियां भी शुरू हो गई थीं। कुछ ही दिनों बाद उसका रोका भी होने वाला था लेकिन इससे पहले ही काल ने अजय को निगल लिया।

खतरा बन रही है मां

इन दिनों गंगा में डूबने की घटनाएं कुछ ज्यादा ही तेजी पकड़ रही हैं। दो दिन पहले ही सामनेघाट पर गंगा में दो सगे भाई एक साथ डूब गए थे जबकि उनके मामा बाल-बाल बचे थे। इससे पहले रामनगर में मछली पकड़ रहा एक वृद्ध गंगा में डूब गया था। आए दिन हो रही घटनाएं चिंता पैदा कर रही हैं कि क्यों गंगा आखिर इतनी खतरनाक हो रही है। हालांकि इस बारे में गंगा बेसिन अथॉरिटी के मेम्बर प्रो बीडी त्रिपाठी का कहना है कि गंगा आज जिस हाल में हैं उसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं। आज गंगा में अत्यधिक पॉल्यूशन है। बांधों के कारण पानी भी कम है। इसी वजह से घाटों से गंगा नीचे उतर रही है और गंगा में किनारों पर भी गहराई बढ़ रही है। इस वजह से गंगा किनारे डूबने की घटनाएं बढ़ी हैं।