चुनाव प्रचार के लिए बड़ी संख्या में सेकेंडहैंड गाडि़यां खरीद रहे प्रत्याशी

रुपये बचाने के साथ मुसीबत से बचने का निकाला नायाब तरीका

VARANASI

वैसे तो पुरानी गाडि़यों की खास पूछ नहीं होती है लेकिन इस वक्त तो जैसे उनकी किस्मत पलट गयी है। सेकेंड हैंड गाडि़यों की इतनी जबरदस्त डिमांड हो गयी है कुछ खास मॉडल की शॉर्टेज तक हो गयी है। बनारस के सेकेंडहैंड गाडि़यों के मार्केट में एसयूवी की एडवांस बुकिंग हो रही है। सिर्फ फोर व्हीलर ही नहीं टू व्हीलर की भी अच्छी खासी डिमांड है। ऐसा नहीं कि बनारस के लोगों का दिल सेकेंडहैंड गाडि़यों पर आ गया है बल्कि चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशी अपने क्षेत्र में भागदौड़ करने के लिए इन गाडि़यों को खरीद रहे हैं।

नहीं आना निगरानी में

यूपी विधानसभा चुनाव अपने पूरे रंग में आ चुका है। प्रचार के लिए प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय दे रहे हैं। हर रोज उनकी हर संभव कोशिश होती है कि विधानसभा क्षेत्र के बड़े एरिया को कवर कर सकें। इसके लिए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को वाहनों की जरूरत पड़ रही है। इसे पूरा करने के लिए सेकेंडहैंड गाडि़यां खरीद रहे हैं। जिसका जैसा बजट और जैसी जरूरत उसके मुताबिक गाडि़यां ले रहा है। शहर के नदेसर घौसाबाद, कैंटोनमेंट, चौकाघाट एरिया में लगने वाले सेकेंडहैंड गाडि़यों के बाजार में प्रत्याशियों का चुनाव मैनेंजमेंट संभालने वाले पहुंच रहे हैं। पुरानी गाडि़यों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। मार्केट के जानकारों की मानें तो पिछले क्भ् दिनों में दो सौ गाडि़यां बिक चुकी हैं। लगभग क्00 गाडि़यों की एडवांस बुकिंग है। इनकी डिलेवरी एक सप्ताह में होनी है।

बच रहे सबकी नजर से

नोटबंदी के बाद हर किसी के रुपयों के लेन-देन पर सरकारी एजेंसियों की नजर है। वहीं इस बार इलेक्शन कमीशन की ओर से जबरदस्त सख्ती है। प्रत्याशियों के हर खर्च की निगरानी की जा रही है। चुनाव प्रचार के लिए नयी गाडि़यां लेने पर प्रत्याशी सबकी नजर में आ जाएंगे। इसके बचने का आसान तरीका है सेकेंडहैंड गाडि़यां खरीदना। दूसरों के नाम से रजिस्टर्ड गाडि़यों के खरीद-फरोख्त का आमतौर पर रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। प्रत्याशी इसे अपने समर्थकों के नाम से खरीद रहे हैं। सेकेंडहैंड गाडि़यां नए के मुकाबले सस्ती भी हैं। इससे प्रत्याशियों का रुपया बच जा रहा है। सेकेंडहैंड मार्केट में चार पहिया गाडि़यां चार से आठ लाख में मिल जा रही हैं। दो पहिया वाहन ख्0 से तीस हजार में उपलब्ध हैं।