वाराणसी (ब्यूरो)। अमेरिका, लंदन, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रसिया ही नहीं, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, पंजाब, हरियाणा, असम समेत पूरी दुनिया से देव दीपावली की अद्भूत छटा देखने के लिए भीड़ काशी में उमड़ पड़ी। दशाश्वमेध, अस्सी, राजघाट, नमो समेत सभी प्रमुख घाट सोमवार दोपहर में ही पर्यटकों से फुल हो गए थे। हालांकि अनहोनी की आशंका को देखते हुए पुलिस ने भीड़ को अन्य घाटों की ओर मोड़ दिया। इसके चलते शाम होते-होते सभी घाट हाउसफुल हो गए। 84 घाटों पर 20 लाख से अधिक भीड़ जमा गई। इधर, सूरज डूबने के बाद बनारस के लोगों का गंगा घाटों पर जाने का क्रम शुरू हुआ। जैसे ही लोग घरों से निकले, उन्हें घाटों और रोड्स के हाउसफुल होने की जानकारी मिलने लगी। इसके बाद कुछ लोग भीड़ का हिस्सा बने तो अधिकतर वापस लौट गए। बाद में उन्होंने घर के पास मंदिर, कुंड व तालाबों पर जाकर देव दीपावली का आनंद लिया.
20 लाख लोग जुटे
श्रीकाशी विश्वनाथधाम के लोकार्पण के बाद पहली देव दीपावली कई तरह से खास थी। सोमवार को उमड़ी भीड़ ने अब तक के सभी रिकार्ड तोड़ दिए। प्रशासन ने करीब 10 लाख लोगों के देव दीपावली पर जुटने की संभावना जताई थी। लेकिन भीड़ 20 लाख से अधिक पहुंच गई। भीड़ के चलते अस्सी घाट से लेकर चेतसिंह घाट तक तक ठसाठस की स्थिति बनी रही। अस्सी घाट पर कई बार अनहोनी की स्थिति दिखने लगी। हालांकि पुलिस और लोगों की सूझबूझ से अनहोनी टल गई। बावजूद इसके काशी स्टेशन राजघाट के पास रैम्प की रेलिंग टूट गई, जिससे करीब छह लोग घायल हो गए।
तब भी उमड़े थे लोग
इसके पूर्व देव दीपावली के अवसर पर नवंबर 2018 और 19 में यह संख्या 14-14 लाख रही। पीएम मोदी के आने की वजह से 2020 में 20 लाख तो 2021 में महज 10 लाख लोगों की भीड़ रही। निश्चित ही कई गुना पर्यटकों की इस संख्या से टूरिज्म इंडस्ट्री को नई उड़ान मिली, लेकिन अपनी अलौकिक भव्यता के चलते पूरी दुनिया में रोशन हो चुकी देव दीपावली पर इस बार सावन की तरह पर्यटकों के आने का रिकार्ड टूट गया.
परिवार के साथ हर साल देव दीपावली देखने के लिए अलग-अलग घाट पर जाते हैं। इस बार अस्सी घाट पहुंचा तो ठसाठस भीड़ देखकर जाने की हिम्मत नहीं हुई। परिवार को लेकर घर लौट आया।
सचिन मल्होत्रा, कमच्छा
सुबह से ही प्लान बना रखा था। शाम होते ही परिवार के साथ गोदौलिया पहुंचा तो भीड़ दिखी। पूछने पर पुलिस ने बताया कि दशाश्वमेध घाट पैर रखने की जगह नहीं है। बिना देव दीपावली देखे ही लौट आया.
संजय सोमानी, चेतगंज
चेतसिंह घाट जाने की कोशिश की तो रास्ते में ही भीड़ मिली। भीड़ देखकर डर गया। परिवार नेे जाने से मना कर दिया। भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन इतनी भीड़ उमड़ेगी, इसका अंदाजा नहीं था।
मनमोहन शुक्ला, महमूरगंज
प्रमुख घाटों पर भीड़ को देखते हुए परिवार के साथ गायघाट गया, वहां भी भीड़ थी, लेकिन गनीमत थी। नाव से देव दीपावली देखने की इच्छा हुई, लेकिन नाव नहीं मिली। पता चला कि सब नाव पहले से बुक है.
अमित सिंह, शिवपुर