वाराणसी (ब्यूरो)पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से देश की विविध सांस्कृतिक विरासत और परम्पराएं हाल के वर्षों में निखरकर सामने आयी हैंभव्य महोत्सव के रूप में आयोजित किये जा रहे परंपरागत त्योहारों के चलते पर्यटन उद्योग को मानो सुपर डोज मिलने लगा हैहाल ही में काशी में आयोजित देव दीपावली महोत्सव ने वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को गजब का बल प्रदान किया है.

सबकी हुई कमाई

वाराणसी में बड़े पैमाने पर पर्यटकों के आने से ना सिर्फ बड़े होटल कारोबारियों ने लाभ कमाया बल्कि रेहड़ी पटरी व्यवसायी से लेकर नौका संचालन के व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी बढिय़ा कमाई की हैदेव दीपावली अब काशी का एक और लक्खा मेले में शुमार हो गयी है

बढ़ी पर्यटन की भूमिका

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ ही इन जिलों की आर्थिक गतिविधियों में पर्यटन उद्योग की भूमिका बढ़ गयी हैकोरोना काल में मंदी की कगार पर पहुंच चुके पर्यटन उद्योग को काशी और अयोध्या में हुए भव्य सांस्कृतिक महोत्सव ने गजब का बूस्टअप किया हैविश्व के कई शक्तिशाली देश जहां अभी भी पर्यटन क्षेत्र में मंदी के शिकार हैं वहीं उत्तर प्रदेश में अध्यात्म, धर्म, संस्कृति पर आधारित आयोजनों के विकसित होने से अर्थव्यवस्था ना सिर्फ पटरी पर लौट चुकी है, बल्कि अब अच्छे मुनाफे का दौर भी शुरू हो गया हैअर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस साल काशी की देव दीपावली के पर्व ने करीब कई हज़ार करोड़ का व्यवसाय किया है

बढ़ रहा काशी का मान

योगी सरकार में जिस तरह से उत्तर प्रदेश में धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास के साथ धरोहरों को संजोकर विरासत को विकसित किया गया है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ थाकरीब ढाई दशक से काशी में मनाई जा रही देव दीपावली की आभा हाल के वर्षों में दूर तक फैल चुकी हैयूपी वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है, ऐसे में भारी उद्योगों के साथ ही समृद्ध धरोहर, धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत वाले पर्यटन उद्योग भी विकास को तेज गति देंगे

एक लाख आए पर्यटक

इस साल लगभग 1 लाख पर्यटक भारत के अलग-अलग हिस्सों से वाराणसी में तीन दिनों तक चले देव दीपावली महोत्सव में शामिल हुए हैंइसके अलावा लगभग 4 हजार विदेशी पर्यटक भी काशी आएवहीं काशी और आसपास के क्षेत्रों से भी लगभग तीन लाख पर्यटक देव दीपावली देखने पहुंचेइन सभी के द्वारा यहां खरीदारी, नौका विहार, यातायात, नाश्ते से लेकर भोजन और ठहरने से ही ना सिर्फ बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है, बल्कि हर सेक्टर ने अच्छी कमाई भी की है

नाविकों की बढ़ी कमाई

उन्होंने बताया कि वाराणसी में लगभग 1500 नाव चालकों ने ही एक लाख रुपये प्रति नौका के हिसाब से कमाई की है, ऐसा अनुमान हैइसके अलावा लगभग 100 बजड़े औसतन 2 लाख प्रति बजड़ा कमाया हैघाट के पास के छोटे दुकानदारों, रेहड़ी पटरी वालों ने भी अच्छी खासी कमाई की हैइसके अलावा रेस्टोरेंट, टैक्सी, ई रिक्शा, रिक्शा, साड़ी कारोबारी, धार्मिक समान, प्रसाद, फूल माला, दीपक, बाती, तेल, अगरबत्ती, मिठाई, चाट वाले, दूध लस्सी, अचार, पापड़ एव अन्य सामानों की बिक्री भी खूब हुई है

ये है गिग इकोनॉमी

विदेशों में इसे गिग इकोनॉमी कहा जाता है, जिसमें किसी खास अवसर पर अपनी सेवा या वस्तु को बेचने वाले लाभ कमाते हैंऐसे लोगों की संख्या अपने यहां बहुत ज्यादा है, जो त्योहारों ओर आयोजनों के बल पर अच्छी कमाई करते हैंयकीनन योगी सरकार की ओर से देव दीपावली या ऐसे अवसरों को बढ़ावा देने से गिग इकोनॉमी वालों को काफी फायदा होता हैदेव दीपावली जैसे मौके पर्यटन उद्योग व देश की जीडीपी को बढ़ाने में सहयोग करते हैंपर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विदेशों की तरह यहाँ एडवेंचर एक्टिविटी, क्रिएटिव इकोनॉमी या पर्यटन के नाम पर चकाचौध और बड़ी अट्टालिकए नहीं हैभारत खास तौर पर उत्तर प्रदेश तपस्वियों और त्यागियो और त्यौहारों का प्रदेश है, जो अपनी समृद्ध विरासत व धरोहरों को तराश कर अपनी अर्थ व्यवस्थ को गति दे रहा है.