- भगवान जगन्नाथ दरबार की निखरी लालिमा

- प्रतीकात्मक रथयात्रा में श्रद्धा और भक्ति के रंगों में नहाए श्रद्धालु, हुए विभोर

अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को बहन सुभद्रा व भइया बलभद्र समेत प्रभु जगन्नाथ का रक्तांबरी श्रृंगार किया गया। सुबह पांच बजे विग्रहों को पंचामृत स्नान कराकर लाल वस्त्र धारण कराया गया। लाल रंग के फूलों से श्रृंगार कर झांकी सजाई गई। छौंका मूंग, गुड़ और देशी चीनी के शर्बत का भोग लगा कर महाआरती की गई। इसके साथ ही मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। सुबह 5:30 से लेकर 9:30 बजे तक मंदिर में लगातार भक्तों की आवाजाही लगी रही। शाम पांच बजे एक बार फिर से श्रद्धालुओं की जुटान शुरु हुई जो देर रात तक जारी रही।

प्रतीकात्मक रथयात्रा से आनंदित हुए भक्त

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के प्रतीकात्मक स्वरूप से ही श्रद्धालु भक्ति और श्रद्धा के आनंद में विभोर हो गए। महामारी की बंदिशों के कारण इस वर्ष भी मंदिर परिसर में ही भगवान की रथयात्रा निकाली गई फिर भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा-भक्ति देखते ही बन रही थी। भक्त भक्ति में मशगूल थे। शाम को महिलाओं ने भजन संध्या का आयोजन किया जिसमें नवयुवतियां भक्ति-भाव में आनंदित हो खूब झूमीं।