-कार्यशाला में सख्त दिखे डीएम, मनरेगा के तहत हुई धांधली तो बर्दाश्त नहीं

-केरल और आंध्र प्रदेश में महिलाएं करती हैं अधिक वर्क, ट्रेनिंग को भेजे जाएंगे प्रधान

-अब दस ट्रॉली से अधिक मिट्टी खनन पर लेनी होगी परमीशन

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मनरेगा के रजिस्टर्ड मजदूर अगर रोजगार की मांग करते हैं तो उन्हें तुरंत काम मुहैया कराया जाए। अन्यथा इनकार करने वालों के खिलाफ धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। यह निर्देश जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने दिया। उन्होंने कहा कि गांव के विकास में प्रधान की भूमिका अहम होती है। मनरेगा के तहत गांव का विकास तेजी से किया जा सकता है। अब इन कार्यो के लिए फाइलों को धूल नहीं फांकना पड़ेगा बल्कि 24 घंटे के अंदर परमीशन मिलेगी। इसके लिए अलग से एक सेल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पैसा गरीब का है, अगर धांधली हुई तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

महज बीस परसेंट परिवार को मिला रोजगार

चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल सभागार में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सोमवार को नवनिर्वाचित प्रधानों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्राम सभा में तीस से अधिक कार्य कराए जा सकते हैं। मगर पिछले आठ सालों में महज बीस परसेंट परिवार को ही 23 दिन का रोजगार मिला। डीएम ने कहा कि अगर प्रधान के घर में जॉब कार्डो का जखीरा, बैंकों से मिलीभगत कर पैसा निकालने की जानकारी मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मनरेगा कार्यो का सोशल ऑडिट भी होगा।

अवैध खनन किया तो खैर नहीं

मनरेगा के तहत हो रहे निर्माण कार्य बाधित न हो इसलिए नियम में बदलाव करते हुए अब दस ट्रैक्टर ट्रॉली मिट्टी तक परमीशन नहीं लेनी होगी। मगर इसके आड़ में अगर अवैध खनन हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी। डीएम ने मनरेगा के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने केरल और आंध्र प्रदेश का उदाहरण पेश किया। साथ ही डीएम ने कहा कि ट्रेनिंग के लिए कई प्रधान को भेजा जाएगा। इससे पहले कार्यशाला का उद्घाटन डीएम ने करने के बजाए चार बार से जीत रहे ग्राम प्रधानों से दीप प्रज्ज्वलित कर कराया। इस मौके पर सीडीओ, जिला पंचायत राज अधिकारी, एसपी रूरल समेत अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।