जलालीपुरा में शुक्रवार को मोहम्मद जाकिर हुसैन ने जो किया, उसने न सिर्फ मुहल्ले को बल्कि पुलिस डिपार्टमेंट को भी सकते में डाल दिया। मुहल्ले के लोगों की माने तो शराब के लती जाकिर दोपहर करीब एक बजे कहीं से पी कर घर लौटा। उसने यहां अपनी बीवी सैफुनिशां से रुपयों की मांग की। सैफुनिशां जानती थी कि उसका शौहर रुपये लेकर क्या करेगा। उसने कह दिया कि अभी घर में रुपये नहीं है। पीने की बात पर दोनों मियां-बीवी में झगड़ा हुआ।

बेटा गया था नमाज पढऩे

जिस वक्त जाकिर घर में शराब के लिए रुपयों की जिद पर अड़ा था, उस वक्त उसका बड़ा बेटा और लूम संचालक मुबारक जुमे की नमाज अदा करने के लिए पास की मस्जिद में गया था। इधर, बीवी के रोकने, मना करने से बौखलाए जाकिर ने अचानक झगड़ा छोड़ टायलेट का रूख किया। वह अचानक टायलेट क्लीयर एसिड की बोतल के साथ निकला और एक ही कमरे में मौजूद अपनी बीवी सैफुनिशां (42), बेटी शबनम (18), रेशमा (14), रजिया (11), तब्बसुम (7), सानिया (4), बेटा आमिल (13), आसिफ (4) तथा भांजी रजिया (13) पर एसिड फेंक दिया।

पड़ोसी पहुंचे, हुआ फरार

बीवी और बच्चों की चीख-पुकार सुन आस-पड़ोस के लोग दौड़ते हुए जाकिर के घर पहुंचे। अंदर का नजारा देख सभी के होश उड़ गये। लोगों को जुटता देख जाकिर फरार हो गया। पड़ोस के लोगों ने तेजाब से झुलसे सभी लोगों को लाद-फांद मंडलीय हास्पिटल कबीरचौरा पहुंचाया। यहां पुलिस भी पहुंच गयी। जब लोगों ने जल्लाद बाप की करतूत सुनी तो उनके होश उड़ गये।

बचते रहे सवालों से

हास्पिटल में जाकिर के पड़ोसियों ने पूरी कहानी सुनाई। मगर बाद में पहुंचे रिलेटिव्स व अन्य लोगों ने कहानी को मोडऩे की कोशिश की। हालात ये हो गयी कि बाद में न सिर्फ रिलेटिव्स बल्कि पड़ोसी भी पुलिस और मीडिया को कुछ भी बताने से कतराते रहे। बेटा मुबारक ने भी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। डाक्टरों ने बताया कि तीन बच्चे ज्यादा गंभीर रूप से झुलसे हैं। फिलहाल सभी की हालत कंट्रोल में है।

लगनी थी मेंहदी, झुलस गये वो हाथ

घटना का सबसे दु:खद पहलू ये था कि जाकिर ने सबसे बड़ी बेटी शबनम (18) का शनिवार को निकाह होना था। शनिवार को उसके हाथ में मेंहदी लगनी थी। मगर होनी का कुछ और मंजूर था। शबनम की बारात आती, उसके हाथ में मेंहदी सजती उसके पहले उसके ही अब्बू ने तेजाब से उसके हाथ झुलसा दिये।

कोई बिगाड़ रहा था जाकिर को

हास्पिटल पहुंचे जाकिर के मुहल्ले के लोगों ने एक और खास चर्चा थी। कुछ ने दबी जुबान में कहा कि जाकिर पहले ऐसा नहीं था। एक शख्स उसे जानबूझ कर बिगाड़ रहा था। उसी ने उसे शराब की लत लगाई और उसे अक्सर अपने खर्च पर शराब पिलाता था। उसकी नजर जाकिर के मकान पर थी।

बेटे ने संभाला था परिवार को

जाकिर के बारे में कुछ ने बताया कि वह काफी पहले से ही शराब में डूब पर परिवार की जिम्मेदारी भूल चुका था। हालांकि उसके बेटे मुबारक ने डूबते परिवार को संभाला और लूम चलाकर मेहनत कर परिवार को मजबूती थी। जाकिर भी छोटे-मोटे काम करता था मगर उसकी पूरी कमाई पीने में ही खर्च कर डालता था। इसके बाद भी घर से रुपये मांगता रहता था।