-बसपा सरकार में मंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला

-हाईकोर्ट ने हाजिर होने का दिया था आदेश, केस की अगली सनुवाई दो नवंबर को

VARANASI

आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे बसपा सरकार में उच्च शिक्षामंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी ने बुधवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। न्यायाधीश शशिकांत उपाध्याय ने उन्हें अंतरिम जमानत देते हुए नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए दो नवंबर की डेट मुकर्रर की है। इस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करने के बाद उन्हें ख्भ् अक्टूबर तक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था। अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप सिंह ने आरोपी पूर्व मंत्री को अदालत में हाजिर कराते हुए जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मुन्ना लाल यादव ने मुकदमे से संबंधित आख्या मंगाने का हवाला देते हुए अगली सुनवाई के लिए कोई अन्य तिथि नियत करने की अदालत से अपील की। इस पर अदालत ने आरोपी को अंतरिम जमानत देते हुए आख्या तलब करने का आदेश दिया।

पुराना है मामला

केस के मुताबिक भदोही के सिंहपुर निवासी जय प्रकाश पांडेय व अन्य ने वर्ष क्99फ् व 9ब् में पुलिस निदेशक विजिलेंस से शिकायत कर आरोप लगाया था कि पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी ने पद पर रहते हुए अकूत बेनामी संपत्ति अर्जित की है। साथ ही पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये से ट्रस्ट, महाविद्यालय आदि का निर्माण कराया है। इसके अलावा केएनपीजी कॉलेज ज्ञानपुर किताब खरीद के नाम पर भी धांधली करने का आरोप लगाया गया। प्रारंभिक जांच में आरोप सही मिलने पर डीजी विजिलेंस ने उनके खिलाफ इलाहाबाद स्थित मुट्ठीगंज में दो वर्ष पूर्व विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण की अदालत में राकेश धर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।